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    अमेरिका चीन राष्ट्रपति

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों एशियाई देशों के दौरे पर है। जापानदक्षिण कोरिया में सफल दौरे के बाद अब ट्रंप चीन पहुंचे है। यहां पर बीजिंग में डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की है।

    पूरी दुनिया की निगाहें इस समय चीन व अमेरिका के दोनों दिग्गजों पर टिकी हुई है। ऐसा हो भी क्यों ना, चीन व अमेरिका दोनों ही दुनिया के सबसे ताकतवर राष्ट्र माने जाते है। डोनाल्ड ट्रंप की चीन यात्रा का मुख्य मकसद किसी भी तरह से उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने के लिए शी जिनपिंग का साथ लेना है।

    ट्रंप अच्छी तरह जानते है कि बिना चीन की मदद के वो उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के ऊपर लगाम नहीं लगा सकता है। चीन व अमेरिका के बीच होने वाली वार्ता मुख्य रूप से उत्तर कोरिया विवाद पर ही टिकी हुई है। इसके अलावा भी अन्य मुद्दों पर बातचीत के आसार संभव है।

    उत्तर कोरिया को परमाणु परीक्षण व बैलेस्टिक मिसाइलों के निर्माण से रोकने के लिए ट्रंप चाहते है कि चीन, अमेरिका की मदद करे। वर्तमान में उत्तर कोरिया को सर्वाधिक व्यापार चीन के साथ ही हो रहा है।

    अप्रत्यक्ष रूप से तानशाह किम जोंग चीन के व्यापार की मदद से ही परमाणु मिसाइलों का निर्माण करके अपने खतरनाक मंसूबों में कामयाब होना चाहता है। इसलिए अमेरिका चाहता है कि चीन उत्तर कोरिया के साथ व्यापार करने पर प्रतिबंध लगाए।

    चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक सप्ताह पहले ही दुबारा राष्ट्रपति चुने गए है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अधिवेशन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ताक़तवर नेता होकर उभरे है। शी जिनपिंग का चीन के साथ ही दुनिया पर भी प्रभाव बढ़ा है। ऐसे में कई विशेषज्ञों का कहना है कि शायद ही शी जिनपिंग अमेरिका के सामने समझौता करे।

    चीन पहुंचने से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण कोरिया की ससंद से भाषण देते हुए उत्तर कोरिया को कड़ी चेतावनी दी थी। साथ ही कहा था कि चीन हमेशा से ही मददगार रहा है। इस मुद्दे पर भी चीन को अमेरिका का साथ देना चाहिए। चीनी राष्ट्रपति ने ट्रंप का चीन में शानदार स्वागत किया है। चीन ट्रंप के स्वागत को आधिकारिक यात्रा से ज्यादा तवज्जो दे रहा है।

    ट्रंप व मेलानिया का बीजिंग में हुआ शानदार स्वागत

    डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया जब बीजिंग पहुंचे तो उनका स्वागत रेड कार्पेट, सैन्य बैंड और अमरीकी झंडे लहराते बच्चों ने किया। ये सब देखर ट्रंप काफी खुश नजर आए। इससे पहले जब बराक ओबामा अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में चीन यात्रा पर आए थे तो उनके लिए चीन ने ऐसा शानदार स्वागत नहीं किया था और न ही रेड कार्पेट बिछाया था।

    ट्रंप व मेलानिया को चीन के सम्राट के निवास स्थान रहे द फॉरविडन सिटी भी लेकर जाया गया। इतना ही नहीं फॉरविडन सिटी में ट्रंप व मेलानिया के लिए रात्रि भोज का इंतजाम किया गया। इसके बाद में ट्रंप ने ट्विटर पर शी जिनपिंग का शुक्रिया अदा करते हुए इसे अविस्मरणीय बताया।

    चीन की राय जानना बेहद जरूरी

    लेकिन इन सबके बावजूद भी देखना यह है कि चीन व अमेरिका, उत्तर कोरिया मुद्दे पर किस तरह से काम करते है। चीन की इस मुद्दे पर क्या राय है,इसे जानना बेहद जरूरी होगा। इस समय चीन को भी दुनिया में ताकतवर देश का दर्जा प्राप्त है। वहीं शी जिनपिंग दुबारा राष्ट्रपति भी चुने गए है जिससे इनकी ताकत का अंदाजा भी लगाया जा सकता है।

    चीन के अंदर शी जिनपिंग को ताकतवर व अनुभवी नेता माना जाता है। ऐसे में चीन कतई अमेरिका के सामने नहीं झुकेगा। अमेरिका की बात को स्वीकार या अस्वीकार करने का निर्णय शी जिनपिंग आसानी से कर सकते है।

    वहीं अमेरिका के अंदर डोनाल्ड ट्रंप को कई चुनौतियां मिल रही है। अपने ही देश में ट्रंप को लोगों के साथ ही मीडिया की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में वैश्विक स्तर पर उत्तर कोरिया के खिलाफ चीन को साथ लाना ट्रंप के लिए आसान नहीं होगा।