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    अमेरिका चीन उत्तर कोरिया

    अमेरिका अब उत्तर कोरिया पर लगाम कसने की पूरी तैयारियां कर चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एशियाई दौरा इसी बात का संकेत दे रहा है। पांच देशों की यात्रा पर निकले ट्रंप का दौरा उत्तर कोरिया के साथ जारी तनाव के बीच काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

    जापान से समर्थन प्राप्त करने के बाद ट्रंप दक्षिण कोरिया का साथ लेने के लिए यहां पर पहुंचे है। दक्षिण कोरिया में पहुंच कर ट्रंप ने वहां पर सैन्य बलों की समीक्षा की और उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने को लेकर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात की।

    दक्षिण कोरिया के बाद ट्रंप का अगला दौरा चीन का है। चीन पहुंचने से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उत्तर कोरिया की ओर से शुरू किए जा रहे परमाणु खतरे से निपटने में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग काफी मददगार साबित हुए है।

    चीन हमेशा से ही मददगार साबित हुआ हैः ट्रंप

    ट्रंप ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी हमेशा से ही मददगार रहे है और हम उम्मीद करते है कि रूस भी इसी तरह सहायक होगा। ट्रंप ने उत्तर कोरिया को विश्वव्यापी खतरा करार देते हुए कहा कि इस देश पर लगाम लगाने के लिए अब विश्वव्यापी कार्रवाई की जरूरत है।

    वहीं चीन डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा को लेकर भव्य तैयारी कर रहा है। चीन, अमेरिका के साथ संबंध मजबूत करना चाहता है। डोनाल्ड ट्रंप ऐसे समय पर चीन दौरे पर जा रहे है जब शी जिनपिंग एक हफ्ते पहले ही दुबारा चीन के राष्ट्रपति बने है।

    गौरतलब है कि उत्तर कोरिया 90 प्रतिशत कारोबार चीन के साथ करता है। इसलिए ट्रंप चाहते है कि चीनी राष्ट्रपति मौजूदा हालातों के मद्देनजर उत्तर कोरिया के साथ व्यापार व कारोबार को पूरी तरह से रोक दे।

    क्योंकि उत्तर कोरिया को परमाणु मिसाइल बनाने में सबसे ज्यादा मदद चीन से व्यापार की वजह से हो रही है। ऐसे में अगर चीन, उत्तर कोरिया के साथ व्यापार रोक देता है तो उत्तर कोरिया परमाणु हथियार व अन्य खतरनाक उपकरण बनाने में सक्षम नहीं हो पाएगा।