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    उत्तर कोरिया शिंजो अबे

    उत्तर कोरिया की बढ़ती परमाणु शक्ति देखते हुए जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने पुरे विश्व को एक साथ होकर उत्तर कोरिया पर कार्यवाई करने को कहा है।

    शिंजो अबे ने कहा कि उत्तर कोरिया के लगातार परमाणु परिक्षण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा नियमों के खिलाफ है। अबे के मुताबिक सभी बड़े नेताओं को एक साथ आकर उत्तर कोरिया पर दबाव बनाना चाहिए। जाहिर है कोरियाई महाद्वीप पर युद्ध के हालातों में सबसे ज्यादा असर जापान पर ही पड़ेगा, जिसे लेकर प्रधानमंत्री अबे चिंतित हैं।

    उत्तर कोरिया ने इस महीने तीन परमाणु परिक्षण किये हैं, जिनमे से हाइड्रोजन बम परिक्षण भी शामिल है। इसके बाद अमेरिका की अगुवाई में संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबन्ध लगाए। इसके तहत उत्तर कोरिया भेजे जाने वाले कच्चे तेल और कोयले पर बड़ी मात्रा में रोक लगायी जायेगी।

    संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए इन प्रतिबधों के बाद उत्तर कोरिया का रुख और खतरनाक हो गया है। देश के उच्च अधिकारीयों ने कहा है कि इससे देश का तानाशाह किम जोंग उन गुस्से में है और वह कुछ भी कर सकता है। इसके अलावा उत्तर कोरिया ने जापान और अमेरिका को राख में बदलने की धमकी दी।

    उत्तर कोरिया के रवैये से चिंतित अबे ने अब अंतराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया है। हाल ही में अबे ने अपने भारत के दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस विषय पर चर्चा की थी। मोदी ने जापान को सहायता का भरोसा दिलाया और उत्तर कोरिया को परमाणु रहित होने की बात कही। ऐसे में भारत और अमेरिका जापान के साथ है।

    इसके अलावा अबे और डोनाल्ड ट्रम्प भी इस मुद्दे पर साथ काम कर रहे हैं। नवंबर में डोनाल्ड ट्रम्प जापान का दौरा करेंगे और इस दौरान दोनों नेता इस पर कोई फैसला कर सकते हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।