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    उत्तर कोरिया

    दक्षिण कोरिया के युनिफिकेशन मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि “प्योंगयांग को इस माह के अंत तक वादा की गयी भोजन सहायता प्राप्त होगी। जून में दक्षिण कोरिया ने ऐलान किया था कि वह विश्व खाद्य कार्यक्रम के तहत उत्तर कोरिया को 50000 टन चावल मुहैया करेंगे। सीओल का डिलीवरी को पूरा करने की योजना सितम्बर तक है।

    उत्तर कोरिया की भोजन पूर्ती में मदद

    उत्तर कोरिया ने इस मदद को स्वीकार करने से इनकार किया है और दक्षिण कोरिया व अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास को मुकम्मल करने का विरोध किया था। मंत्रालय इस पर उत्तर कोरिया की अधिकारिक स्थिति को स्पष्ट करने की कोशिश कर रहा है लेकिन इस पर अभी कोई जवाब नहीं आया है।

    मंत्रालय के उप प्रवक्ता किम यून हान ने कहा कि “सहायता योजना को अमल में लाने के लिए वास्तविक समय की दरकार है। जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन और उत्तर के बीच वार्ता का आयोजन और जरुरी जहाजो की सुरक्षा, सितम्बर तक शुरूआती योजना का पूरा होना थोड़ा मुश्किल लगता है।”

    प्योंगयांग में बिगड़ते हालात

    शुरुआत में मंत्रालय ने ऐलान किया था कि पहले शिपमेंट को वादे के मुताबिक डिलीवर करने के लिए करीब तीन हफ्तों का समय लगेगा।” दक्षिण कोरिया का निर्णय तब आया जब उत्तर कोरिया में खाद्य सुरक्षा हालातो के बिगड़ने की खबर रोजाना आ रही थी।

    डब्ल्यूएफपी और खाद्य एवं कृषि संगठन ने शुरुआत में रिपोर्ट दी कि बीते वर्ष उत्तर की फसल उत्पादन साल 2008 से सबसे निचले स्तर पर था। देश के एक करोड़ लोगो यानी 40 फीसदी नागरिको को तत्काल भोजन की जरुरत है। आंतरिक कोरियाई सम्बन्ध ठप पड़े हुए हैं क्योंकि सीओल ने वार्ता की पेशकश को ठुकरा दिया है।

    अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच पर्महू निरस्त्रीकरण वार्ता भी ठप पड़ी हुई है और दोनों ही पक्ष निरंतर कार्रवाई को एक दूसरे को धमकियाँ दे रहे हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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