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    uttar korea

    संयुक्त राष्ट्र द्वारा बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया में 43 प्रतिशत जनता भोजन असुरक्षा को झेल रही है। हर पांच में से एक बच्चा कुपोषण से पीड़ित है। यूएन रिपोर्ट में बताया कि “उत्तर कोरिया अपनी खाद्य सुरक्षा के लिए पूरी तरह कृषि पर निर्भर है, जो कृषि बीते छह वर्षों से प्राकृतिक आपदा की मार झेल रही है मसलन सूखा व बाढ़ जैसी आपदाएं किसानों का हौसला तोड़ रही है।”

    इस रिपोर्ट में कहा कि उत्तर कोरिया की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र को 10 अरब डॉलर की मानवीय मदद की जरुरत है।वहां के 513000 जरूरतमंद लोगों को राहत समाग्री पंहुचायी जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद रूस ने मानवीय लिहाज से उत्तर कोरिया में 50000 टन गेहूं भेजे थे।

    उत्तर कोरिया को रूस मानवीय सहायता मुहैया करता रहता हैं लेकिन हालिया मदद प्रतिबद्धता के तहत है। रूस ने वैश्विक खाद्य कार्यक्रम के तहत 80 लाख डॉलर की मदद  करने की प्रतिबद्धता दिखाई थी।  यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक आगामी समय में खाद्य पदार्थों कमी एक भयावह रूप धारण करेगी। खाद्य पदार्थों में कमी को मुख्य कारण उपजाऊ जमीन की कमी व आधुनिक कृषि उपकरणों की कमी हैं।

    उत्तर कोरिया की मानवीय मदद राष्ट्रोॆ द्वारा लगाए प्रतिबंधों के कारण भी खराब होती जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के मध्य दूसरा शिखर सम्मलेन का आयोजन हनोई में होगा। शान्ति वार्ता के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। डोनाल्ड ट्रम्प ने मुलाकात के स्थान की घोषणा ट्वीटर पर की थी। उन्होंने कहा कि वियतनाम की राजधानी हनोई में 27 फरवरी को दूसरे शिखर सम्मलेन का आयोजन होगा।

    उत्तर कोरिया कई बार अमेरिका व अंतर्राष्ट्रीय जगत से लगाए प्रतिबंधों को हटाने की मांग कर चुका है और इसके बदले किम जोंग उन ने परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रतिज्ञा ली है। अलबत्ता, अमेरिका ने राग अलापा हुआ है कि बिना परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रतिबंधों से निजात मिलना नामुमकिन है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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