अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव का माहौल में इजाफा होता जा रहा है। उत्तर कोरिया ने मंगलवार को कहा कि “अमेरिका द्वारा मंगलवार को उनके कार्गो जहाजों को कब्जे में लेना एक गैरकानूनी कार्रवाई थी और इसने दोनों देशों के नेताओं के बीच सम्मेलन संधि की भावना का उल्लंघन किया है। साथ ही उन्होंने बिना समय गँवाए जहाज वापसी की मांग की है।”
पियोंगयांग का जहाज किया जब्त
बयान में उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने अपने खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के प्रस्ताव को खारिज किया है। अमेरिका के मुताबिक जहाजों का परिबंधन उनकी सम्प्रभुता का उल्लंघन है।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “अमेरिका हमें अत्यधिक दबाव के साथ बांधे रखें की कोशिश कर रहा है और यह गैरकानूनी कार्रवाई 12 जून को उत्तर कोरिया और अमेरिका के संयुक्त बयान की मूल भावना का उल्लंघन करता है। उत्तर कोरिया का आधिकारिक नाम डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया है।
अमेरिका को बहुत बड़ी ग़लतफहमी है अगर उन्हें लगता है कि वह ताकत से उत्तर कोरिया पर नियंत्रण कर सकते हैं। पियोंगयांग अमेरिका के भविष्य के व्यवहार पर पैनी निगाह बनाये रखेगा। अमेरिकी न्यायिक विभाग ने बीते सप्ताह कहा कि “उन्होंने उत्तर कोरिया के एक कार्गो जहाज को जब्त किया है और यह जहाज अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए कोयले के शिपमेंट को ले जा रहा था।” इससे पूर्व यह कार्गो जहाज अप्रैल 2018 में इंडोनेशिया में जब्त किया गया था।
किम-ट्रम्प मुलाकात की भावना का उल्लंघन
अमेरिका के नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष 12 जून को सिंगापुर में पहला शिखर सम्मेलन किया था। इस दौरान उन्होंने नए सम्बन्धो की स्थापना करने और कोरियाई पेनिनसुला में शान्ति स्थापित करने का संकल्प लिया था। दोनों नेताओं के बीच फरवरी में वियतनाम में दूसरा शिखर सम्मेलन हुआ था जो बगैर किसी समझौते के रद्द हो गया था।
अमेरिकी न्यायिक विभाग के अधिकारीयों के मुताबिक उत्तर कोरिया का जहाज ‘वाइज ऑनेस्ट’ अमेरिकी सामोआ में तैनात था। उत्तर कोरिया ने गुरूवार को दो निम्न मारक क्षमता वाली मिसाइलो को दागा था और इसके बाद शनिवार को कई प्रक्षेप्य दागे थे। उत्तर कोरिया ने नवंबर 2017 के बाद कोई मिसाइल परिक्षण नहीं किया था।