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    अमेरिका और उत्तर कोरिया

    अमेरिका को उम्मीद है कि उत्तर कोरियाई परमाणु कार्यक्रम निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया के शुरुआत में बंद हो। इस महीने प्योंगयेंग और वांशिगटन के बीच नई सिरे से वार्ता के बहाल होने की उम्मीद है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने सेना रहित इलाके में जून के अंता में हैरतंगेज़ मुलाकात की थी।

    दोनों देशो के बीच फ़रवरी में हनोई में मुलाकात के बाद वार्ता का सिलसिला थम गया था। हालाँकि इस शिखर सम्मेलन में दोनों देश किसी समझौते पर पंहुचने में विफल रहे थे। अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने कहा कि “बातचीत जुलाई में कभी भी हो सकती है, शायद अगले दो या तीन हफ्तों में वार्ता मुमकिन है।”

    ट्रम्प प्रशासन ने न्यूयोर्क टाइम्स की रिपोर्ट को ख़ारिज किया है जिसके मुताबिक, उत्तर कोरिया के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की बजाये परमाणु कार्यक्रम को फ्रीज़ करने पर उत्तर कोरिया के साथ अमेरिकी अधिकारी बातचीत करना चाहते हैं।

    राज्य विभाग के प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागुस ने नियमित प्रेस ब्रीफिंग ने कहा कि “फ्रीज़, आप जानते हैं कि यह कभी प्रक्रिया का हल नहीं हो सकेगा। यह प्रक्रिया का अंत नहीं होगा। इसे हम शुरूआती दौर में देखने की उम्मीद रखते हैं। लेकिन मेरे ख्याल से प्रशासन ने फ्रीज़ को कभी अंतिम लक्ष्य नहीं बनाया था। यह प्रक्रिया की शुरुआत होना चाहिए।”

    उत्तर कोरिया ने परमाणु बम और मिसाइल परिक्षण को साल 2017 से बंद कर दिया था लेकिन अमेरिका के अधिकारीयों को यकीन है कि उन्होंने अपने बम और मिसाइल का उत्पादन जारी रख अपने आर्सेनल को बढ़ा रहा है। वे इस उत्पादन पर भी रोक देखने के लिए आतुर है।

    ओर्टागुस ने कहा कि “वांशिगटन का लक्ष्य हमेशा उत्तर कोरिया के जन विध्वंशक हथियारों को पूरी तरह नष्ट करना है। अमेरिका के उत्तर कोरिया में विशेष प्रतिनिधि स्टेफेन बिगुन इस हफ्ते यूरोप की यात्रा के दौरान दक्षिण कोरिया के समकक्षी से मुलाकात करेंगे।”

    डोनाल्ड ट्रम्प जी-20 सम्मेलन के बाद दक्षिण कोरिया की यात्रा पर गए थे और वहां उन्होंने दोनों कोरियाई देशों को विभाजित करने वाले इलाके पर किम जोंग उन से मुलाकात की थी। अमेरिका ने पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की मांग की है जबकि उत्तर कोरिया पहले प्रतिबंधो से निजात चाहता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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