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    north korea

    उत्तर कोरिया (North Korea) के मुखपत्र अखबार में सोमवार को आरोप लगाया कि उनकी अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के पीछे अमेरिका (USA) के हद से ज्यादा प्रतिबन्ध है। उन्होंने कहा कि “वह राष्ट्र को सामान्य कारोबारी गतिविधियों से जुड़ने और रोजाना की जरूरतमंद चीजों को लाने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। अमेरिका व अन्य देशों के अप्रत्यक्ष हमले के कारण उनकी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो रही है।

    रोडोंग सिनमन ने आत्मनिर्भरता की मांग की है और कम्युनिस्ट राष्ट्र पर थोपे गए प्रतिबंधों के दबाव को महसूस नहीं करने को कहा है। अखबार ने दावा किया कि अप्रत्यक्ष हमले उत्तर कोरिया को जनता के जीवनयापन के लिए जरुरी सप्लाई और कच्चे पदार्थो को आयात और उत्पादन को सामान्य करने में बाधा पंहुचा रहा है।

    इसने कई समस्याओं को दावत दी है जिन्हे जल्द ही सुलझाने की जरुरत है। इसमें स्थानीय उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग, सुविधा और भोजन की कमी शामिल है। उत्तर कोरिया के अखबार के मुताबिक, आर्थिक समृद्धता को स्वयं उत्पन्न से ही हासिल किया जा सकता है। मसलन, विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिकीरण से सुधारा जा सकता है। इसके बाद बाहरी अर्थव्यवस्था पर निर्भरता कम हो जाएगी।

    अखबार में आलोचना उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच वार्ता के ठप होने के बाद सामने आयी है। हनोई में फरवरी के आखिरी में मुलाकात दोनों देशों के बीच बगैर किसी समझौते के मतभेदों के कारण रद्द हो गयी थी। दोनों पक्ष प्रतिबंधों से रियायत के मतभेदों को सुलझाने में असफल साबित हुए हैं।

    इसके बाद उत्तर कोरिया ने कई शार्ट रेंज मिसाइल को दागा था। पियोंगयांग ने वार्ता की विफलता और प्रतिबंधों के जारी रहने पर अपनी झल्लाहट को प्रदर्शित किया था। उत्तर कोरिया ने निरंतर प्रतिबंधों से निजात की मांग की है क्योंकि इससे उनकी आर्थिक वृद्धि में इजाफा होगा।

    अमेरिका के मुताबिक, उत्तर कोरिया जब तक अपने परमाणु कार्यक्रम को खत्म नहीं कर देता प्रतिबंधों से आज़ादी नहीं दी जाएगी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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