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    उत्तर कोरिया

    उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच हनोई सम्मेलन को खत्म हुए चार महीने होने जा रहे है और उसी दौरान से दोनों मुल्कों के बीच बातचीत की प्रक्रिया ठप पड़ी हुई है। उत्तर कोरिया ने प्रतिबंधों को लेकर एक दफा और अमेरिका को आड़े हाथो लिया है।

    प्योंगयांग ने कोरियाई सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी के हवाले से बुधवार को कहा कि “अमेरिका वार्ता के लिए जल्द सही रणनीतिक प्रक्रिया अमल में लाये, वरना हमारा धैर्य जवाब दे देगा। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “अमेरिका को अपने मूल्याङ्कन के तरीके को तब्दील करना चाहिए ताकि पिछले साल जून हुई मुलाकात के समझौते को हम बरक़रार रख सके।”

    उन्होंने कहा कि ” अमेरिका को बीते एक वर्ष में हमारे रिश्तो में आये परिवर्तन की तरफ गौर करना चाहिए और जितनी जल्दी हो सके अपनी नीतियों पर निर्णय लेना चाहिए नहीं टी बहुत देर हो जाएगी, बर्दाश्त की भी एक हद होती है।”

    उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अप्रैल में कहा था कि ” वह अमेरिका के साहसिक निर्णय का इस वर्ष के अंत तक इन्तजार करेंगे।” डोनाल्ड ट्रम्प और किम  जोंग उन की पहली मुलाकात सिंगापुर के द्वीप में हुई थी जहां दोनों नेताओं  निरस्त्रीकरण के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई थी।

    वियतनाम सम्मेलन के बाद दोनों देश प्रतिबन्धों से रिआयत के मतभेदों को सुलझाने में असफल रहे थे। इसके बाद उत्तर कोरिया ने मिसाइल का परिक्षण किया था। हाल ही में अमेरिका ने उत्तर कोरिया के एक मालवाहक जहाज को जब्त कर लिया था इसके बाद दोनों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था।

    अमेरिका के कार्यकारी रक्षा सचिव पैतृक षानहन ने कहा था कि “उत्तर ने हथियारों का परिक्षण कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विशेषाधिकारों का उल्लंघन किया है।” बैलिस्टिक मिसाइल के परिक्षण के कारण देश पर प्रतिबन्ध लागू किये गए थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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