उत्तर कोरिया ने मंगलवार को अमेरिका को मालवाहाज जहाज को अपमानजनक तरीके से जब्त करने पर चेतावनी दी है और कहा कि इसका परिणाम उत्तर कोरिया-अमेरिका के भविष्य के संबंधों पर भी पड़ सकता है। संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के स्थायी प्रतिनिधि किम सांग ने जहाजों को तत्काल वापस करने की मांग को दोहराया था।
रायटर्स के मुताबिक उन्होंने कहा कि “वांशिगटन के हर एक कदम पर प्योंगयांग करीबी से निगरानी रखता है। उसका मकसद उत्तर कोरिया पर अधिकतम दबाव बनाकर उन्हें घुटनो पर लेकर आना है। अमेरिका को विचार करना चाहिए और अपने क्रूर कृत्यों के भविष्य के परिणामो पर गौर करना चाहिए।”
न्यूयॉर्क में यूएन के मुख्यालय में किम सांग ने पत्रकारों से कहा कि “9 मई को अमेरिका ने एक क्रूर और गैरकानूनी कृत्य को अंजाम दिया था। एकतरफा प्रतिबंधों के तहत अमेरिका हमारे मालवाहक जहाज वाइज ऑनेस्ट को अमेरिकन सामोआ में जबरदस्ती ले गया था और अमेरिका के घरेलू कानून का उल्लंघन है।”
यह मालवाहक जहाज अप्रैल 2018 में इंडोनेशिया के जल पर भी जब्त किया गया था। इस जहाज के नियन्त्रणकेबाबत अमेरिकी न्यायिक विभाग ने 9 मई 2019 को जानकारी दी थी और आरोप लगाया कि जहाज ने अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन किया है।
उन्होंने कहा कि “जहाजों की जब्ती अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के संयुक्त बयान की भावनाओं की अवहेलना करता है। दोनों नेताओ के बीच पहला शिखर सम्मेलन बीते वर्ष जून में सिंगापुर में हुआ था जिसमे दोनों ने नए द्विपक्षीय समबन्धो की स्थापना करने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी।”
वाइज ऑनेस्ट जहाज सरकार के मालिकाना हक़ का है और उत्तर कोरिया की संपत्ति है। उन्होंने कहा कि “हम इस अपने शटर से सम्बंधित भाग समझते हैं जहां हमारी सम्प्रभुता बरक़रार है।
जहाज के जब्त होने के बाद यूएन में उत्तर कोरिया के आला राजदूत किम सांग ने यूएन के महासचिव एंटोनियो गुएटरेस को शिकायत पत्र भेजा था। इस पत्र में उन्होंने अमेरिका के निर्णय के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की थी और इसकी आलोचना करते हुए इसे अपमानजनक और गैरकानूनी करार दिया था।