उत्तर कोरिया अब अंतरिक्ष में उपग्रह प्रक्षेपण की तैयारी के आड़ में परमाणु परीक्षण करने में लग रहा है। सियोल के एक अखबार के मुताबिक हथियारों व परमाणु परीक्षणों के लिए यह एक नया अंतरिक्ष कार्यक्रम है। उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र ने परमाणु और मिसाइल परीक्षणों पर प्रतिबंधों के साथ ही उपग्रहों का प्रक्षेपण भी प्रतिबंधित किया हुआ है।
दक्षिण कोरिया की सरकार के हवाले से प्राप्त रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न चैनलों व जानकारियों के माध्यम से हमने ये पता लगाया है कि उत्तर कोरिया एक नए उपग्रह प्रक्षेपण की तैयारी में है। इस उपग्रह का नाम उत्तर कोरिया ने क्वांगमयोंगसॉन्ग-5 रखा है।
बताया गया है कि उत्तर कोरिया की योजना कैमरे और दूरसंचार उपकरणों से लैस इस उपग्रह को अंतरिक्ष कक्षा में स्थापित करना है। इससे पहले उत्तर कोरिया ने फरवरी 2016 में क्वांगमयोंगसॉन्ग-4 उपग्रहा का प्रक्षेपण किया था।
जिसे दुनिया ने बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के रूप में माना था। इस बार भी माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया उपग्रह प्रक्षेपण की आड़ में अपने खतरनाक मसूंबों को पूरा करके परमाणु परीक्षण कर सकता है।
दक्षिण कोरियाई सैन्य प्रमुखों के एक प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर कोरिया के उत्तेजना वाले कृत्यों पर हम पूरी तरह से नजर रखे हुए है। वहीं उत्तर कोरिया शासन के अखबार ने कहा है कि उपग्रहों का प्रक्षेपण करने और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास करने का हमें पूरा अधिकार है।
किसी भी हालत में करेंगे उपग्रह प्रक्षेपण – उत्तर कोरिया
अखबार ने कहा है कि शांतिपूर्वक तरीके से अंतरिक्ष कार्यक्रम करना सभी देशों का वैध अधिकार है। इसी क्रम में उत्तर कोरिया भी उपग्रह अंतरिक्ष विकास कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन कर रहा है।
अक्टूबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में उत्तर कोरिया राजदूत ने कहा था कि उनका देश आर्थिक विकास और लोगों के जीवन के सुधार में योगदान देने के लिए साल 2016-2020 में कई उपग्रहों को विकसित करेंगे।
साथ ही उत्तर कोरिया ने स्पष्ट किया कि अमेरिका के दबाव के बावजूद भी हम उपग्रह प्रक्षेपण की योजना में बदलाव नहीं करेंगे। उत्तर कोरिया के नए उपग्रह प्रक्षेपण की खबरों के बाद दुनिया के कई देश चिंतित हो गए है।