व्हाइट हाउस ने रविवार को कहा कि “तुर्की जल्द ही उत्तरी सीरिया में सैन्य अभियान की शुरुआत करने जा रहा है और अमेरिका के सैनिक इस कदम में तुर्की का सहयोग नहीं करेंगे।” व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव स्टेफनी ग्रीषम ने कहा कि “तुर्की अपनी पूर्वनियोजित अभियान के साथ जल्द ही उत्तरी सीरिया की तरफ बढेगा। अमेरिका की हथियार बंद सेना न इसका समर्थन करेगी और न ही इस अभियान में शामिल होंगी।ठ
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैयाब एर्दोगन ने कुछ घंटो पूर्व ही फ़ोन पर बातचीत की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने संघर्ष पर चर्चा की और नवम्बर में वांशिगटन में मुलाकात के लिए रजामंदी जाहिर की थी। अभी 1000 से अधिक अमेरिकी सैनिक उत्तरी पूर्वी सीरिया में तैनात है।
उत्तरी पूर्वी सीरिया में अमेरिका और कुर्दिश वाईपीजी की सेना करीबी से कार्य कर रहे हैं। आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में वांशिगटन के सबसे करीब प्रभावी सहयोग होने को कुर्दिश वाईपीजी ने साबित किया है। इस इलाके पर कुर्दिश सेना का नियंत्रण है।
कुर्द के साथ सीरिया से नजदीक सीमा पर वांशिगटन के करीबी सहयोगी होने पर तुर्की ने कई बार आपत्ति दर्ज की है। उन्हें कुर्दिश वर्कर पार्टी से जोड़ा गया है जिसे तुर्की में आतंकवादी संगठन की सूची में शामिल कर रखा है। वांशिगटन ने भी पीकेके को आतंकवादी संगठन करार दिया है लेकिन इसमें वाईपीजी शामिल नहीं है।
अमेरिका ने इस इलाके में तनाव को कम करने की काफी कोशिश की है और सीमा के नजदीक सेफ जोन की स्थापना पर विचार किया जा रहा है लेकिन योजना धाराशाही हो गयी और हालिया दिनों में तुर्की के राष्ट्रपति ने चेतावनी दी कि अंकारा सीमा के नजदीक ही सैन्य अभियान की शुरुआत करेगा।
ग्रीषम ने कहा कि “अमेरिका अब आईएसआईएस के लडाको को ज्यादा समय तक नहीं रखेगा। इस इलाके में बीते दो सालो से सभी आईएसआईएस के लडाको के लिए अब तुर्की जिम्मेदार होगा।”