देहरादून, 7 जुलाई (आईएएनएस)| उत्तराखंड सरकार राज्य में सभी सरकारी कार्यालयों में सिंगल यूज प्लास्टिक (एक बार उपयोग की जाने वाली प्लास्टिक) के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, “हम सचिवालय सहित सभी सरकारी कार्यालयों में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया में हैं।”
इसके तहत राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक ग्लास, फोल्डर्स, बोतलें, कप और प्लास्टिक से बनीं अन्य वस्तुओं पर प्रतिबंध लग जाएगा।
एक अधिकारी ने कहा, “यह हमारा पहला कदम है, हम इसकी प्रतिक्रिया देखेंगे और इसके बाद आगे की कार्रवाई करेंगे।”
पर्यावरण के अनुकूल एक अन्य कदम उठाते हुए सरकार ने राज्य में सभी सरकारी आवासों में बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट पदार्थ का खाद बनाना अनिवार्य कर दिया है।
सूत्रों ने कहा कि दो सरकारी अधिकारियों ने पहले से ही अपने आवासों पर यह प्रक्रिया शुरू कर दी है।
उत्तराखंड पर्यावरण रक्षा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूईपीपीसीबी) के सदस्य सचिव एस.पी. सुबुधि ने कहा, “ये कदम छोटे हो सकते हैं, लेकिन इनके माध्यम से हम उत्तराखंड को पर्यावरण के अनुकूल बनाने का संदेश देना चाहते हैं।”
हालांकि सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक की थैलियों पर लगाया गया पूर्णत: प्रतिबंध अभी भी लागू नहीं हो पाया है और प्लास्टिक की थैलियां बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा, “हमने प्लास्टिक की थैलियों के उपयोग पर प्रतिबंध सुनिश्चित करने के लिए सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।”
महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड तीसरा ऐसा राज्य है, जिसने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है।
जनवरी 2017 में, सरकार ने पॉलीथिन के बैग और प्लास्टिक की सिंगल यूज वस्तुओं के उत्पादन, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के एक आदेश जारी किए थे।
यह निर्देश उत्तराखंड उच्च न्यायालय के दिसंबर 2016 के उस आदेश के बाद आया था, जिसके अनुसार, प्लास्टिक की बिक्री, खरीद और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था।