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    उत्तराखंड के पौड़ी जिले में सेब किसानों के पलायन को रोकने और रोजगार के लिए बेहतर तकनीक सीखाकर सरकार उनकी आमदनी का जरिया बढ़ाने की योजना बना रही है। प्रदेश सरकार ने ‘मिशन एप्पल’ को सफल बनाने के लिए उद्यान नियमों में बदलाव किया है। केंद्र सरकार की ‘मिशन एप्पल’ के तहत पौड़ी जिले में उद्यान विभाग ने अलग-अलग स्थानों पर सेब बागान स्थापित करने के लिए पांच एकड़ भूमि का चयन किया है।

    पहले जहां दो हेक्टेयर क्षेत्रफल तक के क्षेत्र में सेब बागान को मंजूरी दी जाती थी, वहीं अब नई व्यवस्था के अंतर्गत एक हेक्टेयर से कम क्षेत्र में भी सेब बागान स्थापित हो सकेगें।

    सेब बागान स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार 80 प्रतिशत धनराशि अनुदान के तौर पर देगी, जबकि काश्तकार को बीस प्रतिशत राशि स्वयं वहन करना होगा। उद्यान चयनित भूमि में न सिर्फ सेब बागान स्थापित किए जाएंगे, बल्कि काश्तकारों को इसके लिए बेहतर तकनीक भी सिखाई जाएंगी।

    उद्यान विभाग के अधिकारी ने बताया कि अभी उत्तराखंड में 25,318 हेक्टेयर क्षेत्र में सेब का उत्पादन होता है।

    योजना के तहत पौड़ी जिले में खिर्सू, थैलीसैण, क्यार्क, वीणा मल्ली (पोखड़ा), सिल्ली मल्ली (वीरोंखाल) व चौलूसैण (द्वारीखाल) में बागान स्थापित करने के लिए भूमि चयनित की गई है।

    जिला उद्यान अधिकारी नरेन्द्र सिंह ने बताया कि सेब बागान को बढ़ावा देने के लिए भूमि का चयन हो रहा है। लभार्थियों का भी चयन शुरू हो गया है। हम सेब किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं।

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