उत्तराखंड सरकार में काफी दिनों से रिक्त चल रहे मंत्री पद भरने की अटकलें अब तेज हो गई हैं। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के दौरे के बाद विस्तार पर चर्चा तेज हो गई है।
उत्तराखंड में 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, मंत्रिमंडल का आकार अधिकतम 12 सदस्यीय हो सकता है। मार्च, 2017 में त्रिवेंद्र रावत के साथ नौ अन्य मंत्रियों ने शपथ ली थी। यानी उस समय मुख्यमंत्री को मिलाकर 10 सदस्यीय मंत्रिमंडल था। बीच में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें थीं, पर ऐसा हुआ नहीं।
मुख्यमंत्री के पास इस समय कई विभागों का बोझ है। इस कारण उनकी व्यस्तता अधिक बढ़ गई है। इससे विभागों का काम-काज प्रभावित हो रहा है। सूत्रों के अनुसार, नड्डा से मिले कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मंत्रिमंडल विस्तार की जरूरत बताई है।
वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद मंत्रिमंडल में खाली स्थानों की संख्या तीन हो गई है।
भाजपा सूत्र बताते हैं कि रूड़की नगर निगम और पिथौरागढ़ के उपचुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। अभी हाल में पंचायत चुनाव में भी सरकार ने अपनी थाह नाप ली है। इसमें बगावत करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया है। चुनाव में सकारात्मक और पार्टी के लिए काम करने वालों को इनाम भी मिल सकता है। एक-दो नए विधायकों की भी लाटरी खुल सकती है।
हालांकि इस मुद्दे पर सरकार और संगठन की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान देने से बच रहा है, लेकिन इतना जरूर है कि नड्डा ने समीक्षा बैठक के बाद मंत्रिमंडल विस्तार का खाका देख लिया है। इस सिलसिले में त्रिवेंद्र रावत बहुत पहले ही अमित शाह से मिलकर चर्चा कर चुके हैं।