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    उत्तराखंड सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया है। कोरोना संक्रमण के कारण कांवड़ यात्रा पर लगातार दूसरे साल रोक लगाई गई है।

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा के संबंध में सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कोविड के डेल्टा प्लस वैरियेंट पाए जाने और कोविड की तीसरी लहर की आशंका व देश-विदेश में इसके दुष्प्रभावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में विशेषज्ञों की राय पर भी विचार किया गया। सीएम ने कहा कि मनुष्य के जीवन की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आगामी कांवड़ यात्रा को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया।

    मुख्यमंत्री ने सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को यथोचित कार्यवाई करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने ये भी निर्देश दिए कि पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाई के लिए अनुरोध किया जाए। जिससे वैश्विक माहमारी को रोकने में सफलता मिल सके।

    पिछले दिनों सीएम पुष्कर धामी पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर कांवड़ यात्रा के संबंध में चर्चा की थी। राज्य सरकार की ओर से यात्रा के रद्द होने के संकेत मिलने के बाद कांवड पटरी मार्ग पर बिजली, पानी, शौचालय और साफ सफाई के काम भी नहीं कराए गए थे। इसके साथ ही यात्रा के लिए अलग से बजट भी जारी नहीं किया है। हरिद्वार के बाजार में भी कांवड यात्रा को लेकर कोई तैयारी नजर नहीं आ रही थी।

    कांवड पर दोनों राज्यों का अलग- अलग रुख होने के कारण यूपी- उत्तराखंड बॉर्डर पर टकराव के हालात भी पैदा हो सकते हैं। पुलिस अधिकारियों को आशंका है कि यदि यूपी की तरफ से यात्रियों की भीड़ बॉर्डर पर आई तो उन्हें थामना नामुमकिन होगा।

    यहां तक की आरटीपीसीआर जांच, प्री रजिस्ट्रेशन, मास्क, सोशल डिस्टेंस का पालन जैसी कवायद भी भीड़ के आगे संभव नहीं हो पाएगी। इस कारण इस विषय पर दोनों राज्यों के बीच तालमेल जरूरी है।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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