उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति सव्कत मिर्ज़ियोयेव के भारत के आगामी दौरे के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग में वृद्धि से रिश्ते मज़बूत होंगे।
उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान व्यापार को बढाने और आर्थिक संबंधो में वृद्धि जैसे मुद्दों पर बातचीत होगी।
उज्बेकिस्तान के राजदूत ने बताया कि दोनों देश साझा उज्बेक-भारत व्यापार परिषद् के गठन की योजना बना रहे हैं। इस परिषद् का मकसद आयत शुल्क को घटाना और मुफ्त व्यापार क्षेत्र में विशाल प्रोजेक्ट का निर्माण करना होगा।
उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान द्विपक्षीय निवेश, शिक्षा, संस्कृति और कला के क्षेत्र में भी भारत के साथ सहभागिता बढाना चाहता है। उन्होंने कहा उज्बेकिस्तान भारत को कृषि उत्पादों को भी निर्यात करके व्यापार को गतिशीलता प्रदान करेगा।
उज्बेकिस्तान और भारत के बीच साल 2017-2018 में 235 अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ है वही 2016-17 में 155.5 अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था।
उज्बेकिस्तान के राजदूत ने कहा की उज्बेकिस्तान भारतीय बाज़ार को कृषि उत्पाद, विभिन्न धातु, पेट्रोकेमिकल, कीटनाशक मुहैया कराने में सशक्त है।
उन्होंने कहा आगामी वर्षों में व्यापार को बढ़ाकर तिगुना कर देंगे। उन्होंने कहा 300 से अधिक विभिन्न क्षेत्रों के व्यापारी इस व्यापार मंच में शिरकत करेंगे।
राजदूत ने कहा कि उनका देश भारत-उज्बेकिस्तान नवीनीकरण मंच की शुरुआत करने की योजना बना रहा हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति समरकंद और आगरा के बीच साझेदारी का भी ऐलान करेंगे।
उन्होंने कहा दोनों राष्ट्रों ताशकेंट से दिल्ली और अमृतसर को जोड़ने वाली हवाई यात्राये अक्टूबर से शुरू हो जाएँगी। साथ ही वह मुंबई और ताशकेंट के हवाई मार्ग को भी जोड़ने पर विचार कर रहे हैं।
उज्बेकिस्तान के राजदूत ने कहा उन्हें विश्वास है कि आगे भी भारत और उज्बेकिस्तान साथ मिलकर पर्यटन को बढ़ावा देंगे और व्यापारिक गतिविधियों में भी वृद्धि कायम रहेगी।