चीन की तानाशाही और दमनकारी नीति का जुल्म सह रहे उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यकों की आखिरकार पाकिस्तान ने सुध ले ली है।
दक्षिणपंथी समूहों की चेतावनी के बाद इस्लामाबाद ने चीन से आग्रह किया है कि वह उइगर समुदाय प्रताड़ित न करे। चीन में उइगर मुस्लिम समुदाय को इस वक़्त कैंप में नज़रबंद रखा गया है और यह समुदाय धार्मिक गतिविधियों पर कड़े प्रतिबन्ध कि मार झेल रहा है।
पाकिस्तान और चीन के मध्य दोस्ताना रिश्तें कायम है ऐसे में यह अपील अधिक सार्थक है। पाकिस्तान के मंत्री इस हफ्ते चीनी प्रतिनिधि से मुलाकात के वक़्त शिनजियांग प्रान्त में उइगर मुस्लिमों के साथ हो रहे र्दुव्यवहार पर चर्चा करेंगे।
मानवाधिकार निगरानी समिति ने कहा कि उइगर मुस्लिम और अन्य तुर्की समुदाय पर अत्याचार की शुरुआत साल 2017 में ही हो गयी थी।
मानवाधिकार समिति की इस वर्ष जारी रिपोर्ट ने शिनजियांग प्रान्त के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को कैदी बनाकर रखना, उन पर अत्याचार और दुर्व्यवहार की पुष्टि की है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक राजनैतिक शिक्षा कैंप में इस समुदाय के लगभग 10 लाख लोगों को नज़रबंद कर रखा गया है। इस रिपोर्ट में सूचना जानने और कबूल करवाने के लिए इस अल्पसंख्यक समुदाय को बुरी तरह प्रताड़ित किया जाता है।
मानवाधिकार समिति ने बताया कि उइगर मुस्लिमों की निजी जानकारी हासिल करने के लिए सरकार ने उनके घरों के बाहर क्यूआर कोड लगा रखे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार पाकिस्तान का यह कदम मानव अधिकार के उल्लंघन करने से रोकने के लिए चीन पर दबाव बनाना है।