अमेरिका ने चीनी सरकार और साम्यवादी सरकार के अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंधों को लागू कर दिया है और इसका काऱण चीन के शिनजियांग प्रान्त में उइगर मुस्लिमो का उत्पीड़न कर मानव अधिकारो का उल्लंघन करने है।
वांशिगटन ने चीन से मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के साथ इस भयावह निगरानी और उत्पीड़न को बंद करने की मांग की है। साथ ही बीजिंग को सभी हिरासत में लिए गए मुस्लिम अल्पसंख्यकों को रिहा कर देना चाहिए।
अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोंपियो ने ट्वीट कर कहा कि आज मैं चीनी सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंधों का ऐलान करते हैं जो उइगर, कजाख और अन्य मुस्लिम समुदाय के उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि चीन ने बेहद निर्दयी पंक्तिबद्ध तरीक़े से 10 लाख मुस्लिम अल्पसंख्यकों का अपहरण शिनजियांग से धार्मिक और सांस्कृतिक परम्पराओ कक विनाश करना चाहते है। चीन को यह भयभीत, डरावने और निगरानी को खत्म करना चाहिए और अभी नजरबंद कैदियों को रिहा कर देना चाहिए।
एक दिन पूर्व ही अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने कहा कि मानव अधिकार के उल्लंघन की चिंता में अमेरिका ने 28 चीनी संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था। इन संगठनों को तत्काल अमेरिकी उत्पादों को खरीदने आए वंचित कर दिया गया है।
इन संगठनों मे ज़ेझियांग डहुआ टेक्नोलॉजी, सियामेंन मैया पोको इन्फॉर्मेशन कंपनी और इशी साइंस एंड टेक्नोलॉजी कंपनी शामिल है। इए सूची में विश्व की विख्यात कंपनियां शामिल है और अमेरिका की इस कार्रवाई से दोनो देशो के बीच संबंधो में दिक्कते आ सकती है।
प्रतिबंधित कंपनियो की अमेरिकी और यूरोपीय बाजार में पंहुच को यह प्रतिबंध प्रभावित कर सकते हैं। चीन हालिया महीनों मद मानवधिकार के उल्लंघन की आलोचनाओ को झेल रहा है।
विशेषज्ञों ने चीन के दावे की आलोचना की है कि यह शिविर प्रशिक्षण या पुनार्शिक्षा केंद्र है जिनका मकसद लोगो को व्यावसायिक कौशल सिखाना है और इलाके में धार्मिक चरमपंथ के मार्ग से दूर करना है। इन केन्द्रों में रखे गए लोगो की जानकारी के बाबत कोई अधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किये गए हैं।