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    पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (पेटा) ने बॉलीवुड अभिनेता डिनो मोरिया और उद्यमी केतन कदम को अपने इनोवेटिव बिजनेस अवॉर्ड से सम्मानित किया है। दोनों को इस पुरस्कार से सम्मानित करने की वजह यह है कि इन्होंने अपने इलेक्ट्रॉनिक-बैटरी चालित वाहन या कैरिएज व्यवसाय यूबीओ राइड्स के माध्यम से मुंबई में ई-कैरिएज की अनोखी पहल की है।

    सप्ताहांत में आयोजित एक विशेष समारोह में समूह ने एक नई पशु कल्याण नीति की घोषणा करने के लिए क्लियरट्रिप (एक वैश्विक ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी) और टाटा पावर को ‘कंपैशनेट बिजनेस अवॉर्ड’ से सम्मानित किया है। एक तरफ जहां क्लियरट्रिप ने जानवरों की सवारी के प्रचार पर रोक लगाई है, वहीं टाटा पावर ने 250 विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं का परिचय पेटा भारत के मानवीय शिक्षा कार्यक्रम, कंपैशनेट सिटीजन से कराया है।

    कंपैशनेट सिटीजन एक मानवीय शिक्षा कार्यक्रम है, जिसे मुख्यत: आठ से 12 साल तक के बच्चों के लिए बनाया गया है, ताकि इससे उन्हें जानवरों को बेहतर ढंग से समझने और उन्हें स्वीकारने में मदद मिल सकें।

    पेटा इंडिया के सेलिब्रिटी और पब्लिक रिलेशंस के निदेशक सचिन बंगेरा ने एक बयान में कहा, “हमारे पुरस्कार विजेता जानवरों के लिए एक बेहतर राह बना रहे हैं और उन्होंने अपने प्रशंसकों या ग्राहकों व पेटा इंडिया के दिलों में एक विशेष स्थान हासिल किया है।”

    उन्होंने यह भी कहा, “यूबीओ राइड्स, क्लियरट्रिप और टाटा पावर में जानवरों को सहानुभूतिशील सहयोगी मिले हैं।”

    पेटा इंडिया ने कहा है कि मुंबई में घोड़े से खींचे जाने वाले वाहनों से संबंधित उद्योग की अपनी जांच में उन्होंने पाया कि इनमें घोड़े या तो अकसर घायल रहते हैं या कुपोषण के शिकार रहते हैं, उन्हें गंदे अस्तबलों में रखा जाता है और इतना ही नहीं उन्हें पर्याप्त आराम, पानी भी नहीं मिलता है और चिकित्सा सुविधा से भी वंचित रखा जाता है।

    साल 2015 में बम्बई हाइकोर्ट ने अपने फैसले में इनकी सवारी को पूरी तरह से अवैध करार दिया था।

    जुलाई साल 2017 में उच्च न्यायालय ने घोड़ों से चालित इन वाहनों के मालिकों और चालकों के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रस्तुत पुनर्वास योजना को स्वीकार कर लिया, जिसमें मुंबई की सड़कों से इन्हें हटा दिए जाने का आदेश दिया गया और साथ ही चालकों को भुगतान/विक्रेता लाइसेंस प्राप्त करने की अनुमति मिली और इस प्रकार उनकी आजीविका सुनिश्चित की गई।

    पेटा इंडिया ने कहा कि ट्रिप एडवाइजर, द ट्रैवल कॉर्पोरेशन, इन्टरपिड ट्रैवल, स्मार टूर्स, एसटीए ट्रैवल और टीयूआई ग्रुप जैसी पचास से अधिक ट्रैवल एजेंसियां उन गतिविधियों की पेशकश न करने के लिए समर्पित हैं, जिनमें हाथियों का शोषण और उनके साथ अत्याचार होता है।

    सवारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हाथियों को आम तौर पर जंजीरों में जकड़ा जाता है, प्रशिक्षण के दौरान उन्हें पीटा जाता है और उन्हें हमेशा डरा-धमकाकर रखा जाता है।

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