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    नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)| जॉबी जस्टिन के ईस्ट बंगाल से एटीके जाने के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। स्ट्राइकर ने अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) से इस मामले में मदद मांगी है।

    आईएएनएस के पास मौजूद पत्र के अनुसार, जस्टिन ने महासंघ को बताया कि ईस्ट बंगाल के साथ उनका अनुबंध 31 मई को समाप्त हो गया है और उन्होंने क्लब के साथ किसी प्रकार का नया करार नहीं किया। स्ट्राइकर ने बताया कि उसने एटीके के साथ आगामी तीन सीजन के लिए करार भी कर लिया है और चाहता है कि उसे इंसाफ मिले।

    जस्टिन ने एआईएफएफ से कहा, “यह एटीके के साथ अगले तीन सीजन तक किए मेरे करार के बारे में है जो 2019-20 से शुरू हो रहा है। ईस्ट बंगाल के साथ मेरा अनुबंध 31 मई को समाप्त हो गया और मैंने उनके साथ अपने पेशेवर करियर से जुड़ा कोई अन्य करार नहीं किया है। मैं अपने पिछले क्लब ईस्ट बंगाल से एनओसी मांग रहा हूं।”

    जस्टिन ने कहा, “हालांकि अभी तक मुझे एनओसी नहीं मिला है और आपको पता है कि रजिस्ट्रेशन विंडो नौ जून को खुलेगी। मैं चाहता हूं कि आप इस मामले को देखें और मुझे इंसाफ दिलाएं।”

    उन्होंने कहा, “मैंने अपने एजेंट के साथ मिलकर भारतीय फुटबाल संघ (एआईएफ) के साथ बैठक की थी और उन्हें इस बारे में बता दिया था, लेकिन मैंने एक मीडिया आर्टिकल देखा जिसमें एआईएफ के अध्यक्ष मेरे बयान पर बिना विचार किए बयान दे रहे हैं कि मैंने ईस्ट बंगाल के साथ करार कर लिया है और मुझे उसी क्लब के लिए खेलना चाहिए। मैं कसम खाकर कहता हूं कि मैंने सिर्फ एटीके के साथ करार किया है और एटीके के लिए ही खेलना चाहता हूं।”

    यह पूछे जाने पर कि क्लब इस मुद्दे को कैसे देखता है, ईस्ट बंगाल के सचिव कल्यान मजूमदार कहा कि मुकाबला अभी समाप्त नहीं हुआ है।

    मजूमदार ने कहा, “नहीं, हम उसे नहीं जाने देंगे। आईएफए ने कहा कि उसे हमारे लिए खेलना होगा। आईएफए ने अपना फैसला ले लिया है। हमें देखना होगा कि एआईएफएफ क्या कहता है। जस्टिन को सबक सीखना होगा। एक तरफ वह हमारे साथ करार करता है और फिर कहता है कि हमारे साथ किसी प्रकार का अनुबंध नहीं किया है। क्या यह सही है।”

    अगर जस्टिन ने ईस्ट बंगाल को सिर्फ टोकन दिया है तो वह बच सकते हैं क्योंकि महासंघ, फीफा के नियमों का पालन करता है और फीफा के नियमों में टोकन सिस्टम काम नहीं करता।

    एआईएफएफ के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, “टोकन सिस्टम अब काम नहीं करता क्योंकि एआईएफएफ, फीफा के नियमों के अनुसार चलता है। इसलिए उसने जो करार किया है उसका सम्मान करना होगा। देखते हैं कि अनुशासनात्मक समिति क्या निर्णय लेती है।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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