श्रीलंका के रक्षा सचिव हेमासिरि फर्नांडो और पुलिस प्रमुख पूजित जयसुंदरा को मंगलवार को गिरफ्तार किया था। अटॉर्नी जनरल ने एक दिन बाद विभागों को उन पर ईस्टर आतंकी हमले को बचाने में विफलता के आरोप लगाने के निर्देश दिए थे। इस हमले में 258 लोगो की मृत्यु हुई थी।
भारत द्वारा ईरान के साथ साझा की गयी ख़ुफ़िया जानकारी पर कथित कार्रवाई न करने पर राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने जयसुंदरा और फर्नांडो को निलंबित कर दिया था। भारत ने इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा हमले की चेतावनी दी थी लेकिन श्रीलंका के विभाग 21 अप्रैल को रोकने में नाकाम रहे थे।
पुलिस प्रवक्ता एसपी रुवान गुनसेकरा ने कहा कि सीआईडी अधिकारीयों की टीम ने फर्नांडो को गिरफ्तार किया था, जिन्हे शुरू में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें मंगलवार को एक नोटिस जारी किया गया था कि अदालत के सामने पेश होने से पूर्व सीआईडी दफ्तर में बयान रिकॉर्ड करने के लिए हाज़िर हो।
वह बीमार हो गए थे और उन्हें पुलिस अस्पताल में भर्ती किया गया था। सीआईडी अधिकारीयों ने अस्पताल का दौरा किया और उनसे सवाल पूछे और फिर गिरफ्तार कर लिया था। पत्र में कार्यकारी पुलिस प्रमुख चांदना विकरात्मने, अटॉर्नी जनरल डप्पूला डा लिवर ने सोमवार को कहा कि “मानवता के खिलाफ घृणित अपराधों के लिए उन पर सुनवाई होनी ही चाहिए।”
डे लिवेरा ने विखरेमरत्ने की 27 जून को कोई कार्रवाई न करने के लिए आलोचना की थी। ईस्टर रविवार हमले के बाद हिंसा के प्रसार की सम्भावना पर मुस्लिम और ईसाई समुदाय के नेताओं ने चिंता व्यक्त की है। इस हमले में 250 लोगो की मौत हुई थी और 500 से अधिक लोग घायल हुए थे। नेगोम्बो के सेंट सेबेस्टियन के चर्च पर आत्मघाती हमले के बाद 100 से अधिक भक्तो की मौत हो गयी थी।
मुस्लिम और ईसाई समुदाय श्रीलंका में अल्पसंख्यक है, जबकि यहां बौद्ध धर्म बहुल है। दोनों समूहों ने कट्टरपंथी बौद्ध समूहों से दबाव महसूस किया है और आम तौर पर बेहतर अंतर सांप्रदायिक सामंजस्य का प्रचार करने के लिए एकजुट होकर कार्य करते हैं।