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    जैसे जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, विपक्ष में मुद्दों को लेकर हलचल भी तेज़ देखी जा सकती है। ऐसे में अभी तक ईवीएम को लेकर केंद्र पर लगातार हमला करने वाला विपक्ष अब पीछे हटता नहीं दिख रहा है।

    विपक्ष की सभी 21 पार्टियों ने सोमवार को चुनाव आयोग के सामने ईवीएम संबंधी अपनी मांगों को रखने का ऐलान किया है।

    विपक्ष की मांगों के अनुसार ईवीएम के साथ इस्तेमाल किए जा रहे वीवीपैट की संख्या को कम से कम 50 प्रतिशत किया जाये। मालूम हो कि वर्तमान में आयोग कुछ जगहों पर ही ईवीएम के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल कर रहा है।

    विपक्ष ने चुनाव आयोग के सामने अपनी मांगों को रखने के लिए दलील दी है कि वर्तमान स्थितियों को देखते हुए देश की आम जनता ईवीएम पर अपना भरोसा नहीं जता पा रही है। ऐसे में विपक्ष चाहता है कि इसी साल देश में होने वाले आम चुनावों से पहले ही आयोग कम से कम 50 प्रतिशत ईवीएम को वीवीपैट से जोड़े।

    विपक्ष ने इसके लिए एक बैठक का आयोजन भी किया है, जिसमें कॉंग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख उमर अब्दुल्ला समेत विपक्ष के सभी बड़े नेता शामिल हुए है।

    विपक्ष की एकजुटता को दर्शाते हुए कॉंग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि ‘इस बार साथ काम करने को लेकर सभी उत्साहित हैं।’

    राहुल गांधी के अनुसार ‘देश में ईवीएम को लेकर आम जनता के बीच संशय का माहौल बना हुआ है, ऐसे में उन्हे आस्वस्त करने के लिए जरूरी है कि ईवीएम में वीवीपैट को जोड़ा जाये। इस तरह से लोगों को भी एक बैकअप सिस्टम मिल पाएगा।’

    ईवीएम पर प्रहार करने के साथ ही राहुल गांधी ने हाल के बजट में किसानों के लिए सरकार द्वारा 6 हज़ार रुपये वार्षिक मदद को घोर आलोचना करते हुए इसे किसानों का अपमान बताया है।

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