ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने मध्यरात्रि में मौलवियो के साथ मुलाकात में कहा कि इस्लामिक गणराज्य बेहद महान है और किसी से भी डरने वाला नहीं है। अल्लाह की इच्छा से हम इस चुनौतीपूर्व समयसीमा को भी गर्व और सिर उठाकर पार कर लेंगे और दुश्मनो को परास्त कर देंगे।”
अमेरिकी प्रतिबन्ध
रमजान के मुस्लिम पाक महीने में सुन्नी मौलवियों के साथ मुलाकात की थी। रविवार को संयुक्त अरब अमीरात के तट पर दो सऊदी तेल टैंकरों सहित चार जहाजों पर हमला किया गया था। इसे क्षेत्रीय तनावों की तरह देखा जा रहा था। ईरान ने इस मामले की तफ्तीश की मांग की है।
ईरान और अमेरिका के बीच कुछ हफ्तों से शब्दों की जंग जारी है। अमेरिका ने ईरान के साथ हुई साल 2015 की संधि को तोड़ दिया था और दोबारा तेहरान पर सभी प्रतिबन्ध थोप दिए थे। बीते माह वांशिगटन ने ईरान की रेवोलूशनरी गार्ड्स को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था।
मध्य-पूर्व में अमेरिकी जहाजों की तैनाती
अमेरिका ने ईरान के आक्रमण से आत्मरक्षा के लिए मध्य पूर्व में यूएसएस अब्राहम लिंकन ग्रुप और एक जहाज की तैनाती को मंज़ूरी दी थी। सैन्य संघर्ष के संभावनाओं के साथ क्षेत्र में पेंटागन ने इसके आलावा बी-52 बमवर्षक की तैनाती को भी मंज़ूरी दी थी।
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के स्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रविवार को कहा कि “तेहरान अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों से अभूतपूर्व दबाव झेल रहा है और देश आर्थिक स्थिति इराक के साथ साल 1980-88 की जंग के दौर से ज्यादा बुरी है।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि “हम देखेंगे कि ईरान के साथ क्या होता है। अगर वे कुछ भी करेंगे तो वह उनकी बहुत बड़ी गलती होगी। अगर उन्होंने कुछ भी किया तो बहु ज्यादा तड़पेंगे।”