ईरान ने रियाद पर शुक्रवार को क्षेत्र में विभाजन के बीज बोने का आरोप का आरोप लगाया था। सऊदी अरब में गुरूवार को खाड़ी और अरब नेताओं के सम्मेलन की मेज़बानी की थी। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद अब्बास मौसवी ने कहा कि “सऊदी अरब का इस्लामिक देशों के बीच और क्षेत्र में विभाजन के बीजारोपण का कार्य जारी है, और यह यहूदी राष्ट्र की इच्छा के मुताबिक है।”
उन्होंने कहा कि “सऊदी अरब द्वारा ईरान के खिलाफ पड़ोसी मुल्कों और अरब देशों के एकजुट होने की कोशिश हमने देखी है और अमेरिका व यहूदी शासन के निरर्थक प्रयासों को जारी रखना है। शनिवार को मेक्का में इस्लामिक सहयोग संगठन के सम्मेलन में तेहरान के खिलाफ बेबुनियादी आरोपों पर ईरानी प्रवक्ता ने निराशा जाहिर की है और वह मेज़बान के तौर पर शोषण है।”
सऊदी अरब के बादशाह सलमान ने शुक्रवार को ईरान के खिलाफ बयान दिया था। सऊदी अरब की तेल पाइपलाइन पर ड्रोन हमले के आरोप तेहरान पर लगाए थे। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने बुधवार को कहा कि “12 मई को संयुक्त अरब अमीरात में चार जहाजों पर हमले के पीछे पूरी तरह ईरान ही है।”
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अब्बास मौसवी ने अरब देशों के बेबुनियादी आरोपो को मानने से इंकार कर दिया था और कहा कि “हम देख सकते है कि तेहरान के खिलाफ क्षेत्रीय राय जुटाने के निराशाजनक प्रयास में संयुक्त राज्य अमेरिका और इज़राइल के गुट में सऊदी अरब भी शामिल हो गया है।”
बादशाह सलमान ने कहा कि “ईरान के खिलाफ दृढ़ निवारक रुख न होने के कारण ही आज यह तनाव देखने को मिल रहा है। शिया ईरान का परमाणु और मिसाइल क्षमताओं में विकास और यह वैश्विक तेल निर्यात के लिए खतरा उत्पन्न करता है और यह वैश्विक व क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।”