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    भारत सऊदी अरब ईरान

    खाड़ी देश ईरानसऊदी अरब के बीच में विवाद का संकट गहराया हुआ है। दोनों देश आमने-सामने हो गए है। सऊदी अरब की तरफ से यमन में हूती विद्रोहियों के कब्जे वाली राजधानी सना में रक्षा मंत्रालय पर तड़के दो हवाई हमले किए थे। जिसका पर ईरान ने विरोध जताया था।

    सऊदी अरब की तरफ से किए जा रहे हमले से उनके ईरान के साथ तनाव बढ़ गए है। दोनों देशों के बीच जारी तनाव कभी भी युद्ध का रूप धारण कर सकता है।

    लेकिन ईरान व सऊदी अरब के बीच युद्ध होने से भारत को काफी नुकसान पहुंचेगा। भारत को कूटनीतिक तौर पर ही नहीं बल्कि व्यापारिक तौर पर ही नुकसान उठाना पड़ सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर भी पड़ सकता है।

    सऊदी-ईरान विवाद से भारत को नुकसान

    अगर सऊदी अरब व ईरान के बीच में युद्ध होता है तो भारत को खाड़ी देशों में काम करने वाले करीब 80 लाख भारतीयों पर इसका असर होगा। इसलिए ही भारत दोनों देशों के बीच जारी विवाद पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए है।

    भारत की कोशिश है कि दोनों देश बातचीत के जरिए इसका समाधान निकालेंगे। इन देशों में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते है। ऐसे में इनके रोजगार को लेकर भारत सरकार चिंतित है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच युद्ध होने का असर कच्चे तेल की कीमतों पर भी पड़ सकता है।

    युद्ध होने से कच्चे तेल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि हो जाएगी जिसका खामियाजा भारत को ही उठाना पडेगा। भारत सऊदी अरब व ईरान दोनों देशों से बड़ी मात्रा में तेल का आयात करता है। ये दोनों देश सबसे बड़े तेल उत्पादक देश माने जाते है।

    अगर दोनों के बीच में लड़ाई होती है तो कच्चे तेल की प्राप्ति में काफी परेशानी हो जाएगी। कच्चे तेल की कीमत उच्चतम स्तर पर भी पहुंच सकती है। खाड़ी देशों में युद्ध होने के बाद भारत की चुनौती वहां पर काम करने वाले भारतीयों को स्वदेश वापस लाने की रहेगी।