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    शिंजो आबे और हसन रूहानी

    जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अगले हफ्ते ईरान की यात्रा करने का विचार कर रहे हैं। चार दशकों के बाद किसी जापानी प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा होगी। वांशिगटन और तेहरान के बीच मध्यस्थता कर टोक्यों को शान्ति स्थापित करने की उम्मीद है।

    सरकारी अधिकारी ने बताया कि “टोक्यो अभी भी जानकारी जुटाने में लगा है, आबे किससे मुलाकात करेंगे। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, शिंजो आबे ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई और ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात करेंगे।

    अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ते जा रहे हैं। शिंजो आबे सीधे ईरान के प्रमुख नेताओं से सीधे तौर पर बातचीत करेंगे। कैबिनेट सचिव योशिहिदे सुगा ने कहा कि “हमें यकीन है कि यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि हम तनाव को कम करने के लिए प्रमुख क्षेत्रीय ताकत के नेतृत्व से बातचीत करें ताकि परमणु समझौता बहाल हो सके और क्षेत्र की स्थिरता में एक रचनात्मक किरदार निभा सके। ”

    यह यात्रा 12 से 14 जून के बीच में हो सकती है और यह 41 वर्षो बाद पहली जापानी यात्रा होगी। मई में टोक्यो की यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि “तेहरान के साथ बातचीत के लिए हमेशा तैयार है।” आबे ने इस योजना को हरी झंडी दिखा दी है।

    डोनाल्ड ट्रम्प के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस ने आबे ने कहा था कि “जापान और अमेरिका के बीच करीबी सहयोग होने के नाते हम ईरान के मौजूदा तनाव को कम करने में मदद करना चाहेंगे।” जापान और अमेरिका के बीच काफी करीबी सम्बन्ध है। संसाधन में गरीब जापान तेल के निर्यात के लिए पूरी तरह मध्य पूर्व पर आश्रित है।

    साल 2016 में डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता पर काबिज होने के बाद ईरानी और अमेरिकी नेताओं के बीच खटपट जारी है। दोनों देशों के नेता एक-दूसरे के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। अपने चुनावी वादे के तहत डोनाल्ड ट्रम्प ने साल 2018 में परमाणु संधि को तोड़ दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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