ईरान के प्रतिबंधों को सख्त करने के अमेरिकी निर्णय पर रूस ने मंगलवार को कहा कि “यह आक्रमक और लापरवाह नीति है।” वांशिगटन ने घोषणा की थी कि “वह ईरानी तेल खरीदने वाले सभी आयातकों की रिआयत को खत्म कर रहे हैं और अब सभी को तेल आयात शून्य करना होगा।”
रुसी विदेश विभाग ने बयान जारी कर कहा कि “इस तरह की अतिरिक्त कार्रवाई का अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय मत से कोई लेना देना नहीं है। शेष विश्व बखूबी समझता है कि वांशिगटन की नीति अत्यधिक लापरवाह और आक्रमक होती जा रही है। विश्व की अपनी इच्छा के अनुसार चलाने के इरादों को भी अमेरिका नहीं छिपा रहा है।”
अमेरिका ने सोमवार को ऐलान किया कि “ईरानी तेल के आयात को शून्य करने के लिए वह 2 मई से सभी देशों की रिआयत को खत्म कर रहे हैं। इसमें चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ग्रीस समेत आठ मुल्क शामिल है।” यह सभी राष्ट्र अभी तेल का आयात कर रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने साल 2015 में ईरान के साथ हुई अंतर्राष्ट्रीय परमाणु संधि को बीते वर्ष तोड़ दिया था ताकि ईरान पर परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के लिए दबाव बनाया जा सके। सीरिया में ईरान का सहयोगी रूस है जो राष्ट्रपति बशर अल असद के साथ मिलकर विद्रोहियों से लड़ते हैं।
रूस ने अमेरिकी भड़काऊ रवैये के बावूद ईरान की संयमता के लिए तेहरान को सराहा है। अमेरिका के इस निर्णय से वैश्विक बाजार में तेल के दाम उछाल मार सकते हैं।