शंघाई सहयोग सम्मेलन (SCO) के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान (Iran) के राष्ट्रपति हसन रूहानी (Hassan Rouhani) से मुलाकात की थी। पर्सियन गल्फ में अभी तनाव काफी बढ़ा हुआ है। ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के खिलाफ इस सम्मेलन का आयोजन हुआ था। तेहरान ने परमाणु संधि से आंशिक तौर पर खुद को बाहर निकाल लिया था।
अमेरिका ने हाल ही में ऐलान किया था कि “यह किसी भी देश को ईरानी तेल खरीदने के लिए रिआयत नहीं देंगे इसमें भारत में भी शामिल था। इस मामले को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और और ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ की बीते माह भारत में मुलाकात के दौरान उठाया गया था।”
मुलाकात के बाद सुषमा स्वराज ने कहा कि “आम चुनावो के बाद ईरान से तेल खरीदने के बाबत निर्णय लिया जायेगा।” नरेंद्र मोदी ने एससीओ के सम्मेलन के इतर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की थी।
विजय गोखले ने कहा कि “रूस, भारत और चीन की ओसाका में जी 20 के इतर मुलाकात की योजना पूर्वनियोजित थी।” जी-20 के प्रतिनिधि में विश्व की दो-तिहाई जनसँख्या का प्रतिनिधित्व करते है और अर्थव्यवस्था का 85 फीसदी है। गोखले ने यह भी कहा कि “पीएम मोदी सितम्बर की शुरुआत में रूस की यात्रा पर भी जायेंगे जहां वह पूर्वी आर्थिक मंच के मुख्य अथिति होंगे जिन्हे रुसी राष्ट्रपति ने खुद आमंत्रित किया है।
नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग इस वर्ष के अंत में भारत के अनौपचारिक बैठक करेंगे जो बीते वर्ष चीन के वुहान शहर में हुई थी। बहरहाल, गोखले ने कहा कि “इस सम्मेलन के लिए तारीख और स्थान का चयन करना अभी शेष है।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह स्थान पीएम मोदी का गृहराज्य गुजरात हो सकता है।