ईरान ने रविवार को कहा कि यूरोप अभी इस स्थिति में नही है कि ईरान को उसकी सैन्य क्षमताओं के लिए कोसे। उन्होंने यूरोपीय नेताओं से मांग की कि अमेरिका के प्रतिबंधो के बावजूद या तो ईरान के साथ आर्थिक संबंधों को सुधारे या परिणामो का सामना करने के में लिए तैयार रहे।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष ईरान के साथ किये गए समझौते को तोड़ दिया था और उन पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था। डोनाल्ड ट्रम्प ने वैश्विक ताकतों के साथ हुई डील को कोसा था। उन्होंने कहा कि यह मोई स्थायी समाधान नही है और न ही ये ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर लगाम लगा सकता है।
इस संधि में यूरोपीय साझेदारों में फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी शामिल है और भी अमेरिका की तरह ईरान पर बैलिस्टिक मिसाइल और क्षेत्रीय गतिविधिया को लेकर शक है।
जावेद जरीफ ने बताया कि यह परमाणु संधि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोक सकता था और भविष्य की बातचीत आ आधार हो सकता था। यूरोपीय देश अभी इस स्थिति में नही है कि संधि से बाहर निकलने के मसले पर ईरान को कसूरवार ठहराये।
उन्होंने कहा कि यूरोपीय देश और संधि पर हस्ताक्षर करने वाले सभी देशों को ईरान के साथ आर्थिक संबंधों को सामान्य करना चाहिए और हम या तो हर हालत में प्रातिबद्धताओं को निभाएंगे या उनकी कार्रवाई के तहत कदम उठाएंगे।
ईरान ने बीते महीने परमाणु संधि की कुछ प्रातिबद्धताओं को रोक दिया था और 60 दिनों का अल्टीमेटम दिया था। ईरान की संसद के अध्यक्ष अली लरीजनी ने रविवार को फ्रांसीसी राष्ट्रपति इम्मानुएल की आलोचना की क्योबकी उन्होंने कहा था कि ईरान पर दोनो के बिल्कुल एक तरह उद्देश्य है।
मैक्रॉन ने कहा था कि फ्रांस सुनिश्चित करेगा कि तेहरान को परमाणु हथियारों से वंचित रखा जाए। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रपति के साथ बोले गए अल्फाज़ो से अब फ्रांस के मैक्रॉन की जुबान मेल नह खाती है। ईरान ने बताया कि परमाणु गतिविधि बिल्कुल सुरक्षित है और उन्होंने निरंतर मिसाइल कार्यक्रम पर बातचीत करने से इनकार किया है।