ईरान (Iran) ने सोमवार को कहा कि वह 27 जून से वैश्विक ताकतों के साथ हुई परमाणु संधि के स्तर से अधिक यूरेनियम संवर्द्धन बढ़ाएंगे। बीते वर्ष ऐतिहासिक संधि को तोड़ने के लिए ईरान में अमेरिका (America) दबाव बनाने के लिए यह कदम उठाया है।
ईरान की परमणु ऊर्जा संघठन के प्रवक्ता बेहरोज़ कमलवंडी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि “आज से 300 किलोग्राम यूरेनियम के संवर्धन करने की शुरुआत की गयी है और अगले 10 दिनों में हम इस स्तर को पार कर देंगे। इस कदम को वापस भी लिया जा सकता है अगर अन्य देश अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करते हैं।
8 मई को राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ऐलान किया था की ईरान यूरेनियम के संवर्द्धन और भारी जल के निर्माण में लगी पाबंदियों को नहीं मानेगा जो साल 2015 के परमाणु समझौते के तहत थी। यह कदम अमेरिका के शुरुआत में एकतरफा वापसी के प्रतिकार में हैं। अमेरिका ने ईरान पर कठोर प्रतिबंधों को थोपा है।
ईरान और अमेरिका के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। अमेरिका ने क्षेत्र में भारी सैन्य बल की तैनाती की है और ईरान के रेवोलूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स को एक विदेशी आतंकी संघठन घोषित किया है। अमेरिका ने बीते हफ्ते ओमान की खाड़ी में हुए हमले का जिम्मेदार ईरान को ठहराया है। ईरान ने इन आरोप्प को बेबुनियाद करार दिया है।
ईरान ने संधि के अन्य साझेदारों को 8 जुलाई तक का वक्त दिया है कि वह अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाए विशेषकर उन्होंने तेल बेचने पर लगी पाबन्दी को हटा दें। इसमें ब्रिटेन, चीन, जर्मनी और रूस भी शामिल है। इस समझौते ने यूरेनियम के संवर्द्धन की सीमा को तय कर रखा था जो 3.67 प्रतिशत था।
रूहानी ने बीते माह दिए अपने अल्टीमेटम की समयसीमा को भी बढ़ा दिया है, वह संधि को बचाने चाहते नहीं न कि नष्ट करना। परमाणु ऊर्जा संघठन के प्रवक्ता ने चेतावनी दी कि अगर वैश्विक तकते ईरान की मदद के लिए कदम नहीं उठाएगी तो हम आगे कदम बढ़ाएंगे।
उन्होंने कहा कि “रेंज 3.68 प्रतिशत से बढ़कर देश की जरुरत के हिसाब से किसी भी प्रतिशत पर जाकर सकती है। विभाग इस पर चर्चा कर रहे हैं कि अरक रिएक्टर को पुनर्जीवित किया जाए या दोबारा निर्माण किया जाए।”
यूरोपीय देशों की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि “वक्त रहते पहला कदम उठा ले क्योंकि अगला कदम यूरेनियम का संवर्द्धन ही होगा और इसके लिए एक या दो दिन से अधिक समय की जरुरत नहीं है।” जर्मनी ने ईरान से इस असामान्य महत्वपूर्ण परमाणु समझौते का पूर्ण सम्मान करने का आग्रह किया है।