ईरान के वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को रायटर्स से कहा कि “तेहरान संघर्ष से लेकर कूटनीति तक सभी परिदृश्यों के लिए तैयार है लेकिन अमेरिका मध्य पूर्व में एक और जंग को बर्दाश्त नहीं कर पायेगा। क्षेत्र में किसी भी संघर्ष के परिणाम कल्पना से परे होंगे।”
वांशिगटन ने मध्य पूर्व में अतिरिक्त सैन्य बल की तैनाती ताकत का मुजायरा करने के लिए की थी इसमें बी-52 बमवर्षक और मिसाइल भी शामिल है। अमेरिकी अधिकारीयों ने कहा कि क्षेत्र में उनके सैनिको और हितो को ईरान से खतरा है।
ईरानी अधिकारी ने कहा कि “ईरान क्षेत्र में जंग नहीं चाहता है।” खाड़ी देश में तनाव तब चरम पर पंहुच गया जब सऊदी के टैंकरों और अन्य जहाजों पर यूएई के तात पर हमला किया गया था। इसके आलावा सऊदी के आयल पम्पिंग स्टेशन पर ड्रोन हमला किया गया था। इस हमले की जिम्मेदारी यमन में ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों ने ली थी।
अमेरिका के राज्य विभाग ने बुधवार को बगदाद के दूतावास और अरबिल के वाणिज्य दूतावास से सभी गैर आपातकालीन कर्मचारियों को दूतावास छोड़ने के आदेश दिए हैं। अमेरिकी सेना ने कहा कि क्षेत्र में ईरान समर्थित बलों से खतरे की आशंकाओं के मद्देनजर इराक और सीरिया में अमेरिकी सेना हाई अलर्ट पर है।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने रविवार को कहा कि “तेहरान अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों से अभूतपूर्व दबाव झेल रहा है और देश आर्थिक स्थिति इराक के साथ साल 1980-88 की जंग के दौर से ज्यादा बुरी है।”