ईरान में शुक्रवार को इस्लामिक क्रांति की 40 वीं वर्षगाठ का जश्न मन गया था। इस इस्लामिक क्रांति में अमेरिकी समर्थित शाह को शिकस्त दी थी और 2500 सालों के राजशाही शासन का अंत कर, शिया मुस्लिमों को सत्ता की कमान सौंपी गयी थी।
हर वर्षगाँठ के का जश्न 1 फ़रवरी से शुरू होता है। इसी दिन इस्लामिक क्रांति के चेहरे अयातुल्ला खान 14 वर्ष के निर्वासन के बाद मुल्क वापस लौटे थे। वह इसके बाद इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ ईरान के प्रमुख नेता बने।
ईरान में शुक्रवार को सुबह 9:30 बजे साईरन, चर्च और बोट की आवाज़ बजना शुरू हो जाती है। क्योंकि इसी वक्त अयातुल्ला खोमीनी का एयर फाॅर्स बोइंग 747 तेहरान के मेहराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 40 साल पहले उतरा था।10 दिवसीय इस जश्न को ’10 डेज ऑफ़ डौन”, कहता है जो 11 फ़रवरी तक समाप्त हो जाता है। इसी तारीख को अमेरिकी समर्थित शाह मोहम्मद रेज़ा पहलवी की सरकार गिरी थी।
समस्त राष्ट्र में प्रदर्शन के कारण कुछ आर्मी इकाइयों और क्रांतिकारी बंदूकधारियों के मध्य झड़प हो गयी थी। इस जश्न के तहत ईरान में सरकारी इमारतों और दफ्तरों को ईरानी ध्वज के रंग हरे, सफ़ेद और लाल से ढका जाता है और प्रमुख गलियों को सजाया जाता है।
खोमीनी के वापस आने की ख़ुशी में कार ड्राईवर अपने वाहनों की बत्तियों को ऑन रखते हैं और हेलिकॉप्टर के माध्यम से 21 मील के मार्ग पर फूलों को वर्षा की जाती है। ईरान के राष्ट्रपति सही सभी सरकारी अधिकारी दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
संवैधानिक निगरानी समूह के अध्यक्ष अहमद जानती ने इस जश्न के दौरान उन्होंने ईरान के खिलाफ अमेरिका की मानसिक लड़ाई को “निर्दयी प्रतिबंधों” से आँका। उन्होंने कहा कि “आज दुश्मन हमारी अर्थव्यवस्था पर निशाना साध रहे हैं, ताकि ईरानी इस्लाम के प्रति निराशावादी हो जाएँ।”
खोमीनी के साथ दर्ज़नो पत्रकार बभी ईरान आये थे, इसमें कुछ उनके निकती थे और एक उनका युवा पुत्र अहमद था। यह विमान आधा भरा हुआ था, क्योंकि अगर विमान तेहरान में लैंड नहीं हो पता तो वापस पेरिस के लिए ईंधन भरा हुआ था।शाह के समर्थकों ने एक हफ्ते पूर्व एयरपोर्ट बंद कर दिया था और खोमीनी के समर्थकों को उनकी जान पट खतरे का अंदेशा था।