ईरान ने ब्रिटेन के अगले प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन को मंगलवार को चेतावनी दी कि वह खाड़ी में अपने जल की सुरक्षा करेंगे। तेल टैंकर को हिरासत में लेने के कारण दोनों देशों के बीच मतभेद जारी है। अमेरिका के साथ शत्रुता बढ़ने के साथ ही ईरान की सेना ने शुक्रवार को ब्रिटेन के जहाज क कब्जे में ले लिया था।
बोरिस जॉनसन को पीएम पद की बधाई
स्टेना इम्पेरो के जब्त होने का कारण जैसे को तैसा है। ब्रिटेन के विभाग ने 4 जुलाई को ईरान के तेल टैंकर को जब्त कर लिया था। यह टैंकर ईयू के प्रतिबंधों का उल्लंघन का सीरिया को तेल का निर्यात कर रहा था।
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने ट्वीट कर कहा कि “मैं अपने पूर्व समकक्षी बोरिस जॉनसन को ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बनने की बधाई देता हूँ। ईरान संघर्ष नहीं चाहता है लेकिन हमारे पास पर्शियन गल्फ में 1500 मील की तटीय रेखा है। यह हमारा जल क्षेत्र है और हम इसका संरक्षण करेंगे।”
ब्रिटेन के जहाज को जब्त करने के बाद ईरान ने एक विडियो जारी की थी, जिसमे जहाज के 18 भारतीय क्रू सदस्य, तीन रुसी, एक लताविया और एक फिलिपिनो के क्रू मेम्बर टेबल पर बैठे दिखाई दे रहे है और अपने रोजाना की दिनचर्या का पालन कर रहे हैं।
सोमवार को राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि “इतिहास में ईरान सुरक्षा और खाड़ी में मुक्त परिचालन का मुख्य अभिवावक रहा था और रहेगा। तेहरान तनाव को नहीं बढ़ाना चाहता है।” ईरान की नौसेना के प्रमुख रियर एडमिरल हुसैन खंज़दी ने कहा कि “उनकी सेना सभी दुश्मनों के जहाजों को करीबी से देखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है।”
अमेरिका ने ईरान पर दोबारा सभी प्रतिबंधों को थोप दिया था, ड्रोन को मार गिराने और फिर खाड़ी में हमले ने तनाव को काफी बढ़ा था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ड्रोन हमले के बाद ईरान पर हमले के आदेश दिए थे लेकिन अंतिम मौके पर इस हमले के आदेश को वापस ले लिया था।
ईरान का संघर्ष
ईरान ने सोमवार को बताया कि उन्होंने अमेरिका के 17 जासूसों को गिरफ्तार किया है और उसमे से कई को फांसी की सजा सुनाई है। हालाँकि ट्रम्प ने इनके झूठे दावे करार देकर ख़ारिज किया है। ईरान ने कहा कि वह इस सप्ताहांत में इस संधि को बरक़रार रखने के लिए देशों से मुलाकात करेंगे।
इस बैठक आयोजन यूरोपीय संघ के आग्रह पर किया गया है। ईयू ने पुष्टि की है कि ईरान इस संधि के शेष साझेदारो के राजदूतो के साथ मुलाकात करेगा। ईरान के उप विदेश मंत्री ने रूहानी के सन्देश को मैक्रॉन तक पंहुचाने के लिए फ्रांस की यात्रा की थी।
फ्रांस के विदेश मंत्री ने पुष्टि की कि उन्होंने तेहरान के राजदूत से मुलाकात की थी, जो सन्देश लेकर आये थे। उन्होंने कहा कि “हम अब ईरान को वियेना समझौते पर वापस लाने के लिए कोशिश कर रहे हैं।”
हाल ही में मैक्रॉन के आला कूटनीतिक सलाहकार इम्मानुएल बोन्ने ने ईरान की यात्रा की थी और तनाव कम करने की राजनीतिक पर चर्चा के लिए आला अधिकारीयों के साथ चर्चा की थी। ईरान ने इस संधि की कुछ सीमाओं नको तोड़ने की धमकी दी थी।
ईरान ने धमकी दी कि अगर शेष पक्ष उन्हें अमेरिकी प्रतिबंधों से निजात दिलाने में विफल रहे तो वह मजीद कार्रवाई करेगे। तेहरान ने यूरेनियम संवर्धन की मात्रा में भी इजाफा किया था।