ईरान ने ब्रिटेन के एक जहाज को होर्मुज़ के जलमार्ग पर जब्त किया था और दूसरे को रोक दिया था और उन पर अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। ईरान ने ऐलान किया कि उन्होंने ब्रितानी टैंकर स्टेनो इम्पेरो को जब्त किया है।
ब्रितानी जहाज जब्त
इसके कुछ घंटो के बाद अमेरिका के अधिकारी ने कहा कि “ईरान ने एक और टैंकर को जब्त किया है और वह लाइबेरिया के ध्वज वाला एमवी मस्दार था। जहाज जलमार्ग पर जा रहा था और ईरानी सैनिको ने नावो से इसका पीछा किया और वह ज्यादा समय से ईरानी जलमार्ग पर नहीं था।
ब्रिटेन ने जहाज को जब्त करने की निंदा की है और कहा कि “यह नियंत्रण अस्वीकार है। जरुरी है कि नौचालन की आज़ादी बरक़रार रहे और सभी जहाज इस क्षेत्र में सुरक्षित और मुक्त तरीके से घूम सके।” अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि “यह साबित हो चुका है कि ईरान परेशानी के सिवाये कुछ भी नहीं है।”
उन्होंने कहा कि “वही दिख रहा है जो मैं ईरान के बारे में कहता था, परेशानी। कुछ नहीं सिर्फ परेशानी है। यह आपनी दिखा रहा है कि मैं ईरान के बारे में सही था। अमेरिका के काफी कम टैंकर जा रहे हैं क्योंकि हम अपनी ऊर्जा का अधिकतम भाग इस्तेमाल कर रहे हैं। क्षेत्र में अमेरिका की स्थिति अभी भी मज़बूत है।”
ईरान-ब्रिटेन का बढ़ता तनाव
इस माह के शुरुआत में ब्रिटेन की रॉयल मरीन ने सीरिया को ईरानी तेल की तस्करी के शक में एक सुपर टैंकर को जब्त कर लिया था। इससे तेहरान और लन्दन के बीच में तनाव काफी बढ़ गए थे। ईरान ने तत्काल इस टैंकर को रिहा करने की मांग की थी लेकिन ब्रिटेन के मुताबिक यह यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा हैं।
रक्षा मंत्री आमिर हतामी ने अर्ध सरकारी न्यूज़ एजेंसी के हवाले से कहा कि “टैंकर को हिरासत में लेना हैं। यह कदम अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है और एक तरीके की समुंदरी डकैती है।”
ब्रिटेन द्वारा तेल टैंकर को जब्त करने के कारण ईरान और पश्चिम के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। ईरानी प्रवक्ता मौसावी ने आरोप लगाया कि “ब्रिटेन ने अमेरिका के दबाव में टैंकर को जब्त किया है। ऐसी गैर कानूनी कार्रवाई पेसियन गल्फ में तनाव को बढ़ाएगी।”