पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि “पाकिस्तानी 14 सैनिको की हत्या करने वाले बलोच चरमपंथी ईरान की सरजमीं पर है।” रविवार को इमरान खान ने तेहरान की यात्रा की थी। विगत कुछ महीनो में ईरान और पाकिस्तान के बीच के संबंधों में काफी खटास आयी है। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर सीमा पार आतंकियों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हैं।
ईरान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करें
पाकिस्तान के दक्षिणी पश्चिमी बलूचिस्तान प्रान्त में कई आतंकी समूहों की सक्रियता है और एक नए समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। दक्षिणी पश्चिमी पाकिस्तान से बस से 14 यात्रियों को उतारकर उनकी हत्या कर दी गयी थी। चरमपंथियों ने यात्रियों के पहचान पत्र चेक किये और इसके बाद कुछ का अपहरण किया और उनकी हत्या कर दी थी।
बलोच राजी आजोई सांगर आतंकी समूह ने कहा कि “बस में उनका निशाना पाकिस्तानी नौसेना और तटीय सुरक्षा अधिकारी थे।”
शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि “इस हमले के बाबत पाकिस्तान में काफी क्रोध है और ईरान को बीआरएएस के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इस नए गठबंधन के प्रशिक्षण शिविर और लॉजिस्टिकल शिविर ईरानी सीमा क्षेत्र के अंदर है।” पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने ईरान के अपने समकक्षी जावेद जरीफ से बातचीत की और पाकिस्तान के क्रोध के बाबत सूचित किया था।
हमले की निंदा
ईरान के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की सेना और सुरक्षा अधिकारीयों पर हाल ही में हुए हमले की निंदा की थी और पाकिस्तानी सरकार और जनता के प्रति संवेदना व्यक्त की थी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर तेहरान पंहुचे हैं।
फरवरी के मध्य में एक फियादीन हमलावर ने ईरान की रेवोलूशनरी गार्ड्स पर हमला कर दिया था इसमें 27 सैनिको की मृत्यु हुई थी और ईरानी अधिकारीयों के मुताबिक इस हमले को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी सरजमीं पर सुरक्षित है।
सुन्नी ग्रुप जैश अल अदल (न्याय की सेना), जो कहती है कि उन्हें बलोच अल्पसंख्यकों के लिए अधिक अधिकार और बेहतर रहने योग्य स्थान चाहिए, उसने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। ईरान की शिया मुस्लिम विभागों के मुताबिक पाकिस्तानकी सुरक्षित पनाह से यह आतंकी समूह सक्रीय है और लगातार पड़ोसी मुल्क को कार्रवाई का लिए कह चुका है।
ईरान-पाकिस्तान के छिद्रपूर्ण और लम्बे बॉर्डर पर संजातीय बलोच नागरिक रहते हैं और कई आतंकी समूह बगैर विभागों की जानकारी से सीमा के आर-पार जाते रहते हैं। कुरैशी ने कहा कि “पाकिस्तान ने सीमा पर बाड़ लगाने का निर्णय किया है और इसकी शुरुआत अफगानिस्तान से सटी सीमा से होगी।”
उन्होंने कहा कि “दुरूपयोग किये जाने वाले स्थानों से यह कार्य शुरू किया जा चुका है हम पूरे बॉर्डर को बंद करने की इच्छा रखते हैं जो 950 किलोमीटर में फैला हुआ है।”