ईरान ने अमेरिका को सख्ती से कहा कि वह क्षेत्र में तनाव बढ़ा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “उनकी सरकार ईरान में शासन में कोई बदलाव नहीं चाहती है और तेहरान के साथ बातचीत का स्वागत करते हैं।” ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने ट्वीटर पर कहा कि “ट्रम्प प्रशासन ईरानी आवाम को आघात पंहुचा रहे हैं और क्षेत्र में तनावग्रस्त माहौल बना रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि “डोनाल्ड ट्रम्प के इरादों का प्रदर्शन कार्रवाई करेगी न कि शब्द। ईरान के समक्ष परमाणु हथियार होने के आरोपों को भी जारी ने खारिज किया है।” ईरान ने जापानी यात्रा के दौरान कहा था कि “अमेरिका ईरान के शासन में कोई परिवर्तन नहीं चाहता है। हम सिर्फ परमाणु हथियारों की मौजूदगी न होने की तरफ देख रहे हैं।”
Ayatollah @khamenei_ir long ago said we're not seeking nuclear weapons—by issuing a fatwa (edict) banning them.#B_Team's #EconomicTerrorism is hurting the Iranian people & causing tension in the region. Actions—not words—will show whether or not that's @realDonaldTrump's intent
— Javad Zarif (@JZarif) May 27, 2019
विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि “ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला खमेनेई ने पहले ही कहा था कि हम परमाणु हथियारों की इच्छा नहीं रखते हैं। फतवा जारी कर उन पर प्रतिबन्ध लगाए गए थे। खमेनेई ने साल 2003 में परमाणु हथियारों के खिलाफ फतवा जारी किया था और तन से कई बार इसे दोहरा चुके हैं।”
अमेरिका और ईरान का गतिरोध काफी तनावग्रस्त हो चुका है। वांशिगटन ने मध्य पूर्व में सैनिको की तैनाती में इजाफा किया है ताकि इस्लामिक गणराज्य की तरफ से किये गए प्रहार से रक्षा की जा सके। शनिवार को जावेद जरीफ ने क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिको की तैनाती को बेहद खतरनाक करार दिया और इसे अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति के लिए खतरा बताया था।
अमेरिका ने इस माह की शुरुआत में मध्य पूर्व में एक युद्धपोत और बी-52 बमवर्षक की तैनाती को मंज़ूरी दी थी। अमेरिका के नेताओं के मुताबिक, उन्हें भरोसा है कि ईरान अमेरिका की संपत्ति पात्र हमला करने की योजना बना रहा है। हाल ही में बगदाद के ग्रीन जोन में रॉकेट दागा गया था जो अमेरिका के दूतावास से कुछ दूरी पर जाकर गिरा था।
इससे पूर्व खाड़ी में चार तेल टैंकरों को क्षतिग्रस्त किया गया था और यमन के विद्रोहियों ने सऊदी अरब की तेल पाइपलाइन पर ड्रोन से हमला किया था। हालाँकि ईरान ने इस हमले में शामिल होने के आरोप को खरिज कर दिया था।