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ईरान

तेहरान, 8 मई (आईएएनएस)| ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को ऐलान किया कि ईरान साल 2015 में अन्य छह देशों के साथ हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से आंशिक रूप से अलग हो रहा है। यह कदम समझौते से अमेरिका के अलग होने के एक साल बाद उठाया गया है।

टीवी पर प्रसारित भाषण में रूहानी ने कहा कि ईरान समझौते को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं में कुछ कटौती करेगा लेकिन इससे पूरी तरह से अलग नहीं होगा और समझौते से जुड़े अन्य देशों फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, रूस और चीन को इस कदम के बारे में पहले ही सूचित किया जा चुका है।

राष्ट्रपति के अनुसार, ईरान देश में समृद्ध यूरेनियम स्टॉक रखेगा और उन्हें विदेश में नहीं बेचेगा। उन्होंने 60 दिनों में यूरेनियम का बड़े पैमाने पर उत्पादन फिर से शुरू करने की भी धमकी दी।

सीएनएन के मुताबिक, रूहानी ने अमेरिका में ‘कट्टरपंथियों’ पर समझौते को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह क्षेत्र और दुनिया के हित में है लेकिन ईरान के दुश्मनों के हित में नहीं। इसलिए, उन लोगों ने 2015 से समझौते को कमजोर करने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ी।

यह समझौता ईरान के महात्वाकांक्षी परमाणु कार्यक्रमों पर नियंत्रण के बदले प्रतिबंधों में ढील दिए जाने को लेकर किया गया था लेकिन अमेरिका के इस समझौते से अलग होने के बाद ईरान और उसके बीच तनाव बढ़ गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बाद में ईरान की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले कई प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया।

यह घोषणा अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के इराक के औचक दौरे के बाद और खाड़ी क्षेत्र में अमेरिकी विमान वाहक की तैनाती के बाद सामने आई है।

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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