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    iranian prez hasan rouhaniIranian President Hassan Rouhani speaks during a meeting with tribal leaders in Kerbala, Iraq, March 12, 2019. REUTERS/Abdullah Dhiaa Al-Deen

    ईरान (Iran) के राष्ट्रपति हसन रूहानी (Hassan Rouhani) ने बुधवार को कहा कि “परमाणु संधि से आंशिक रूप से बाहर निकलना ईरान द्वारा अमेरिका से बदला लेने की न्यूनतम कार्रवाई थी।” डोनाल्ड ट्रम्प ने इस संधि से एकतरफा तरीके से अमेरिका को बाहर निकाल लिया था और  इस्लामिक गणराज्य पर सभी प्रतिबंधों को थोप दिया था।

    स्टेट टेलीविज़न पर जारी उनके भाषण में रूहानी ने रेखांकित किया कि अमेरिका के साथ वार्ता के लिए ईरान दबाव में नहीं आएगा। ईरान साल 2015 की संधि के कुछ कारको का पालन करना बंद कर देगा। अमेरिका ने एक वर्ष पूर्व ही इस संधि से खुद को अलग कर लिया था।

    यह समझौता ईरान के नागरिक ऊर्जा कार्यक्रम को सीमित करने के मकसद से किया गया था। ताकि ईरान को भविष्य में परमाणु हथियारों को विकसित करने से रोका जा सके। इस बदले में ईरान को प्रतिबंधों से निजात दी गयी थिओ जिसने उनकी अर्थव्यवस्था को पस्त कर दिया था।

    अमेरिका का संधि से बाहर निकलने के निर्णय ने दोनों देशों के बीच संबंधों को काफी खराब कर दिया था। बीते वर्ष ट्रम्प प्रशासन ने तेहरान पर कई प्रतिबन्ध थोपे थे। अमेरिका के राष्ट्रपति ने तेहरान को बातचीत का प्रस्ताव भी दिया था लेकिन ईरान ने अमेरिका के जाल में दोबारा फंसने से इंकार कर दिया था।

    ईरान ने सोमवार को कहा कि वह समझौते के प्रतिबद्धताओं से पीछे हटेंगे और परमाणु भंडार में वृद्धि करेंगे और इसके लिए उन्होंने यूरोप को एक अल्टीमेटम भी दिया है।

    रियाद ने हाल ही में आरोप लगाया था कि ओमान की खाड़ी पर टैंकरों पर हुए हमले के पीछे ईरान का हाथ है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसवी ने बताया कि क्षेत्र में तनाव बढ़ाने की जिम्मेदार रियाद की गलत नीतियां है। जिससे क्षेत्र में तेल की कीमते और संघर्ष के बाबत चिंताएं बढ़ी हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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