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    अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पिओ

    अमेरिका ने बीते वर्ष साल 2015 में ईरान के साथ हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था। इसकी अगली वर्षगाँठ पर अमेरिका ने बुधवार को कहा कि “जब तक ईरानी सरकार अपने परमाणु कार्यक्रम के विस्तार के मंसूबो को त्याग नहीं देती, हम उनके खिलाफ दबाव अभियान जारी रखेंगे।”

    ईरान पर दबाव बना रहेगा

    अमेरिकी राज्य विभाग ने कहा कि “आज से एक वर्ष पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका को जॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ़ एक्शन से बाहर निकाल किया था और ईरान के एक नए विध्वंशक व्यवहार को खत्म करने के लिए एक अनोखी रणनीति तैयार की थी और ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से हमेशा रोका है।”

    उन्होंने कहा कि “राष्ट्रपति ट्रम्प ने वादा किया था कि अमेरिका कभी ईरानी सरकार की परमाणु ब्लैकमेल का बंधक नहीं बनेगा और हम ईरान की विध्वंशक गतिविधियों से आक्रमक रुख अख्तियार कर जीत हासिल करेंगे।” अमेरिका के प्रशासन द्वारा उठाये गए कदमो को रेखांकित करते हुए बयान में बताया कि “हमने ईरान पर सबसे कठोर प्रतिबन्ध थोपे है, बीते वर्ष 1000 से अधिक व्यक्तियों और संगठनों पर प्रतिबन्ध लगाए हैं।”

    इतिहास के सबसे कठोर प्रतिबन्ध

    इसके मुताबिक, ट्रम्प प्रशासन ने ईरान के तेल निर्यात को इतिहास में सबसे कम कर दिया है और अब ईरानी तेल का निर्यात जल्द ही शून्य हो जायेगा क्योंकि सभी खरीददारो की रिआयत को खत्म कर दिया गया है। मई में राज्य सचिव ने ईरान पर पाबंदियों को सख्त कर दिया था, जिससे ईरान अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को जारी रखने में सक्षम नहीं हो पाया था।

    बयान के अनुसार, आज डोनाल्ड ट्रम्प एक नए विभाग की घोषणा करेंगे जो ईरानी धातु के व्यापार पर निशाना साधेगी यह निशाना ईरान के विशाल निर्यात से सम्बंधित होगा। साथ ही यह ईरानी सरकार द्वारा आतंक को वित्तीय सहायता मुहैया करने और मध्य पूर्व में अस्थिरता उत्पन्न करने की क्षमता को क्षीण कर देंगे।

    ईरानी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मानकों के तहत परमाणु कार्यक्रम के विस्तार करने के अपने इरादों को व्यक्त किया था और यह वैश्विक समुदाय को बंधक बनाये रखने का भयावह प्रयास है। ईरानी सरकार का परमाणु हथियार कार्यक्रम वैश्विक सुरक्षा और शान्ति के लिए खतरा उत्पन्न करेगा।

    अमेरिका वैश्विक समुदाय से ईरान के परमाणु कार्यक्रम के विस्तार के लिए उसे उत्तरदायी मानने का आग्रह करता है। वांशिगटन और उसके सहयोगी ईरानी आक्रमकता से एकजुट होकर लड़ेंगे। बीते वर्ष दो नाकाम आतंकी योजना की प्रतिक्रिया में यूरोपीय संघ ने ईरानी संगठनों पर नए प्रतिबंधों का ऐलान किया था। अन्य राष्ट्रों ने भी ईरान की नापाक गतिविधियों का जवाब दिया है। ईरानी राजदूतों को तलब किया, ईरानी राजनयिकों को निष्काषित, वीजा मुक्त यात्रा को खत्म और महान एयर के लैंडिंग अधिकारों को छीन लिया था।

    जब तक ईरान अपना विध्वंशक व्यवहार में बदलाव नहीं करती अमेरिका उन पर अधिकतम दबाव बनाये रखेगा। वैश्विक ताकतों के साथ हुई परमाणु संधि से ईरान ने बुधवार को आंशिक तौर पर बाहर निकलने का ऐलान किया था। आंशिक रूप से बाहर निकलने का मतलब ईरान यूरेनियम का निर्यात करना बंद करना होगा। साथ ही ईरान ने संधि के शेष सदस्यों को 60 दिनों की मोहलत दी है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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