Wed. Jan 22nd, 2025
    अमेरिकी अधिकारी स्टीवन म्युनीचU.S. Treasury Secretary Steven Mnuchin leaves the G-20 Finance Ministers and Central Bank Governors' meeting at the IMF and World Bank's 2019 Annual Spring Meetings, in Washington, April 12, 2019. REUTERS/James Lawler Duggan

    अमेरिका ने गुरूवार को पांच व्यक्तियों और साथ संस्थाओं पर प्रतिबन्ध थोप दिए हैं, यह चीन, ईरान और बेल्जियम में स्थित है जिसका नाता ईरान के परमाणु कार्यक्रम से हैं। वांशिगटन ने इस संस्थाओं और व्यक्तियों पर ईरान के यूरेनियम संवर्धन परमाणु कार्यक्रम के मुख्तार के तौर पर कार्य करने का आरोप लगाया है।”

    चीनी कंपनी पर प्रतिबन्ध

    ट्रेज़री सेक्रेटरी स्टीवन म्युनीच ने कहा कि “ट्रेज़री ईरान के परमाणु मुख्तारी नेटवर्क को बंद करने के लिए कदम उठा रही है। महत्वपूर्ण परमाणु पदार्थ और शासन के दुष्ट इरादों के फायदे के लिए चीनी और बेल्जियम में स्थित कंपनियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ईरान वैश्विक मंच अपने इस कृत्य को कबूल नहीं कर सकता है जबकि वह अपने दुष्ट कार्यो के लिए पदार्थो को खरीदता और भण्डार रखता है।”

    अमेरिकी विभाग के मुताबिक, “आज निशाना बनाये गए व्यक्ति और संस्था चीन, ईरान और बेल्जियम में स्थापित है। ईरान की सेंटरीफ्युग टेक्नोलॉजी कंपनी के लिए मुख्तार नेटवर्क एक तौर पर कार्य करते हैं। यह ईरान की यूरेनियम संवर्धन परमाणु कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।”

    इस दिन की शुरुआत में उपराष्ट्रप्ति माइक पेन्स ने ऐलान किया कि अमेरिका ने दो इराकी चरमपंथी नेताओं पर प्रतिबंधों को थोपा है, जिन्हें ईरान द्वारा वित्त पोषित किया जाता था।

    ईरान आतंकवाद का प्रायोजक

    धार्मिक आज़ादी के मंच पर माइक पेन्स ने भाषण में कहा कि “मैं स्पष्ट कर दूं कि ईरान के समर्थित चरमपंथी आतंक को फैला रहे हैं और इस पर अमेरिका हाथ पर हाथ धरा नहीं बैठा रहेगा।” प्रतिबंधों के मुताबिक, इन व्यक्तियों की अमेरिका या अमेरिका के नागरिको के अधिकारों में संपत्ति को जब्त कर दिया जाएगा।

    अमेरिका द्वारा बीते वर्ष ऐतिहासिक संधि से बाहर निकलने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। हालाँकि तेहरान ने अभी पूरी तरह इस संधि को खत्म नहीं किया है।

    ईरान ने बीते हफ्ते संवर्धन यूरेनियम में 3.67 फीसदी से अधिक की वृद्धि का ऐलान किया था, जो परमाणु संधि के तहत तय था। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिंस सुलतान एयर बेस में न्यूनतम पांच सौ सैनिको को भेजा जायेगा। यह सऊदी की राजधानी रियाद के पूर्वी रेतीले इलाके में तैनात रहेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *