अमेरिका ने ईरान की ताकतवर रेवोलूशनरी गार्ड्स को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था। वांशिगटन के इस निर्णय के खिलाफ ईरानी नागरिकों ने रैली निकाली थी।
रायटर्स के मुताबिक तेहरान में जुम्मे की नमाज के बाद मस्जिद से हज़ारो भक्त बाहर निकल आये और अमेरिका व इजराइल के ध्वजो को आगजनी किया था। इस रैली में प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका और इजराइल के विरोध में नारे भी लगाए, ‘डेथ ऑफ़ अमेरिका’ और ‘डेथ ऑफ़ इजराइल’ के पारम्परिक अमेरिकी विरोधी नारे लगाए।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इसी प्रकार के प्रदर्शन शुक्रवार को ईरान के अन्य शहरो और कस्बो में भी हुए थे। अमेरिकी सरकार ने बीते हफ्ते ईरान पर दबाव बढ़ाने के लिए ईरानी सेना को विदेश आतंकी संगठन करार दिया था। मध्य एशिया और अन्य जगहों पर चरमपंथी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तेहरान वित्तीय सहायता मुहैया करता है।
ईरान ने इसकी प्रतिक्रिया में अमेरिकी सेना को आतंकी करार दिया और अमेरिका को आतंकवाद के समर्थक होने का दर्जा दिया था।
ईरान के राष्ट्रपति ने प्रतिक्रिया में कहा कि “तुम आतंकी समूहों का इस्तेमाल इस क्षेत्र के राष्ट्रों के खिलाफ करते हो। तुम वैश्विक आतंक के सरगना हो। आज के विश्व में कौन आतंकवाद को प्रोत्साहित और प्रचार करता है। कौन इस्लामिक स्टेट का इस्तेमाल करता हैं? अमेरिका जिहादी संगठनों के नेताओं को छिपा रहा है।”
वांशिगटन के सोमवार को निर्णय के तहत अमेरिका ने पहली बार किसी अन्य देश की सेना को विदेशी आतंकी संगठन करार दिया है, इसका मतलब अगर कोई भी ईरान की सेना के साथ सौदेबाजी करता है तो उसे अमेरिका में जेल हो सकती है।
अमेरिका द्वारा ईरान की इलीट रेवोलुशनरी गार्ड्स को आतंकी संगठन करार देने पर सऊदी अरब ने अमेरिका के इस निर्णय का स्वागत किया है।