अधिकारिक सूत्रों के अनुसार ईरान पर अमेरिका के थोपे गए प्रतिबंध के कारण भारत को ईरान से आयातित तेल का मूल्य रुपये में भुगतान करना होगा।
ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, मेंगलोर रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स जैसी नामी कंपनियों को रुपये चुकाने के लिए आईडीबीआई और यूको बैंक की ओर रुख करना पड़ सकता है।
अमेरिकी का प्रतिबंध 4 नवंबर से लागू हो जाएगा जिसमें व्यापार करने के लिए डॉलर के प्रयोग पर मनाही होगी।
भारत ने ईरान से इस साल 25 मिलीयन टन तेल का आयात करने की योजना बनाई है जबकि 2017-18 में 22.6 टन मिलीयन तेल आयात किया था।
अमेरिका से प्रतिबंध मे रियायत के कारण रिलायंस जैसी उद्योगिक कंपनियों ने ईरान से तेल खरीदना बंद कर दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने साल 2015 में ईरान के साथ हुई परमाणु अप्रसार संधि से कदम पीछे खींच लिए थे साथ ही ईरान पर दोबारा आर्थिक प्रतिबंध लगाए।
इनमें से कई प्रतिबंध 6 अगस्त से लागू हुए थे। तेल और बैंकिंग क्षेत्र में 4 नवंबर से प्रतिबंध लागू हो जाएंगे।
ईरानी अधिकारियों ने कहा कि वे भारत से रुपये में रकम लेने को तैयार है, इस रकम का इस्तेमाल ईरान भारत से खरीदे उपकरण और भोजन की का भुगतान करने में इस्तेमाल करेगा।
फिलहाल भारत अपने तीसरे सबसे बड़े आयातक को यूरो मुद्रा में अदा कर रहा है। हालांकि नवंबर से यूरो भी बैन हो जाएगा।
साल 2013 में बैन के वक्त भारत ने तुर्की बैंकों के माध्यम से भुगतान किया था लेकिन वर्ष 2015 में प्रतिबंध हटने के बाद नई दिल्ली ने डॉलर से बकाया चुकता कर दिया था। ईरानी विभाग ने बताया कि इस वक्त तेल का पूरा भुगतान रुपये में किया जा सकता है। भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आयातक साऊदी अरब है।