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    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि प्रतिबन्ध लागू होने के बाद 5 नवम्बर से सभी राष्ट्र ईरान से तेल आयात शून्य कर दे। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम और पेट्रोलियम पदार्थ पर्याप्त मात्र में मौजूद है।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने साल 2015 में ईरान के साथ हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था और ईरान पर पहले चरण के प्रतिबन्ध लगाये थे। ईरान ने बराक ओबामा के कार्यकाल में आर्थिक प्रतिबन्ध हटाने के बदले परमाणु संधि की थी।

    ट्रम्प प्रशासन ने निर्देश दिया था कि भारत सहित सभी देशों को 5 नवम्बर से ईरान से तेल आयात शून्य करने होगा। भारत ने ऊर्जा की जरुरत के बारे में अमेरिका को अवगत कराया लेकिन अमेरिका के हट के आगे भारत की कई कंपनियों  ने ईरान से तेल आयात शून्य कर दिया था। भारत की 80 प्रतिशत ऊर्जा की जरूरतों को आयात के जरिये पूरा किया जाता है। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वे हालातों पर निगरानी रखेंगे।

    अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने कहा था कि 5 नवम्बर से ईरान पर प्रतिबन्ध लागू हो जायेंगे जो ईरान के नेतृत्व के लिए बेहद कठोर होंगे। उम्मीद है कि इससे वे सुधारकर अपना रास्ता परिवर्तित कर ले। उन्होंने कहा था कि ईरान आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक है। उन्होंने कहा कि वे ईरानी जनता के पैसे को आतंकवाद की गतिविधियों में निवेश करते हैं और हमारा प्रयास उनके व्यवहार को बदलना है.

    अमेरिका के राज्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि प्रतिबंधों का दौर 5 नवम्बर से फिर से शुरू हो जायेगा. ये प्रतिबन्ध ईरान की अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, शिपिंग और शिप-बिल्डिंग सेक्टर को जबरदस्त नुक्सान पहुचएंगा. उन्होंने कहा कि ईरान दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवाद का प्रायोजक है. ईरान पर प्रतिबन्ध लगाकर दुनिया में फैले आतंकिवादी समूहों की फंडिंग रोक लगायेंगे। ईरान लेबनान के हेज्बुल्लाह, हमास, कता इब हिज्बल्लाह और तालिबान को आतंक के लिए फंडिंग करता है।

    अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि यह आतंकी समूह वैश्विक अस्थिरता फैलाते हैं और इस फंड का उपयोग परमाणु और मिसाइल के निर्माण में करते हैं। यह राशि ईरान के भ्रष्टाचारी नेताओं की जेबे गर्म करते हैं न कि ईरान की गरीब जनता के विकास के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं।

    कांग्रेस की रिपोर्ट की मुताबिक अमेरिका के ईरान पर प्रतिबंधो को भारत स्वीकार करेगा यह निश्चित नहीं है। भारतीय नेताओं के मुताबिक ईरान ने संधि का उल्लंघन नहीं किया है और उन पर प्रतिबन्ध नहीं लगाना चाहिए।

    भारत और ईरान ने तेल आयात का भुगतान रूपए में करने की योजना बनाई थी। साथ ही सयुक्त राष्ट्र की बैठक के दौरान भारत और ईरान के विदेश मंत्रियों ने तेल के सौदेबाजी जारी रखने का बयान दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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