राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “अमेरिका ईरान के आला नेतृत्व को बदलने की कोशिश नहीं कर रहा है लेकिन वह परमाणु हथियारों को हासिल करने से रोकने के लिए दृढ है।” उन्होंने कहा कि “हम शासन में परिवर्तन की तरफ नहीं देख रहे हैं। मैं इसकी तरफ नहीं देख रहा हूँ। लेकिन उनके समक्ष परमाणु हथियारों को नहीं रहने दे सकते हैं।”
अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय संधि को छोड़ दिया था और ईरान का परमाणु कार्यक्रम खत्म करने का मकसद है, इसने तेहरान को प्रतिबंधो से निजात दिया था। ईरान ने बीते हफ्ते कहा था कि उन्होंने संवर्धन यूरेनियम की मात्रा 3.67 फीसदी को पार कर लिया है।
ट्रम्प द्वारा संधि से बाहर निकलने के बाद तनाव काफी बढ़ गए हैं। ईरान ने अमेरिका के ड्रोन को मार गिराया था, और डोनाल्ड ट्रम्प ने हमले से चंद लम्हों पहले ही रोक दिया था। वांशिगटन ने खाड़ी में सिलसिलेवार टैंकर हमलो का आरोप ईरान पर लगाया था।
ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने सोमवार को चेतावनी दी कि अमेरिका आग से खेल रहा है। सप्ताहांत में राजनयिक सूत्रों के हवाले से लीक हुई खबर के मुताबिक, वांशिगटन में ब्रिटेन के राजदूत को यकीन है कि ट्रम्प ने परमाणु संधि से इसलिए नाता तोड़ लिया था क्योंकि यह पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से सम्बंधित थी।
संवेदनशील दस्तावेजो के जारी होने के बाद किम दर्रोच ने इस्तीफा दे दिया था और उन्होंने कहा कि “प्रशासन ने कूटनीतिक बर्बरता के कृत्य को तय किया है। यह विचारधारा और व्यक्तिगत कारणों को देखते हैं, यह ओबामा के कार्यकाल का समझौता है।”