राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि ईरान के साथ तनाव के बावजूद हम वहां शासन में बदलाव की इच्छा नहीं रखते हैं। उन्होंने उत्तर के नेता किम जोंग उन को बेहद बुद्धिमानी व्यक्ति बताया था। जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ सम्मेलन के बाद उन्होंने यह बयान दिया था। अमेरिका के लिए ईरान और उत्तर कोरिया बेहद चुनौतीपूर्ण बनते जा रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “हम शासन में परिवर्तन की कोई मंशा नहीं रखते हैं। मैं बस इतना स्पष्ट करना चाहता हूँ कि हम परमाणु हथियारों से आज़ादी की तरफ देख रहे हैं। मैं ईरान को क्षति नहीं पंहुचाना चाहता हूँ और मुझे यकीन है कि दोनों पक्षों के बीच जल्द समझौता हो जायेगा।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने शुरुआत में ईरान के लिए वार्ता के दरवाजे खोल दिए थे और कहा कि अगर उन्हें बातचीत करना पसंद है तो हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। अमेरिका ने मध्य पूर्व में 1500 अतिरिक्त सैनिको की तैनाती का निर्णय लिया था। अमेरिका ने साल 2015 में हुए समझौते से बीते वर्ष अपना पल्ला झाड़ लिया था।
उन्होंने कहा कि “मैं जानता हूँ कि प्रधानमंत्री आबे का ईरानी नेतृत्व के साथ काफी गहरा रिश्ता है। कोई भी भयावह स्थितियों को होते हुए नहीं देखना चाहता हैं विशेषकर मैं।” मिसाइल परिक्षण के बाबत उन्होंने कहा कि “मेरे लोग सोचते हैं कि यह नियमो उल्लंघन है लेकिन यह ध्र्यान आकर्षित करने का तरीका है।”
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने रविवार को कहा कि “उत्तर कोरिया का परिक्षण सरासर यूएन के प्रस्ताव का उल्लंघन है और उन पर प्रतिबंधों को लागू रखना चाहिए।” डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “किम आर्थिक रूप से मज़बूत एक राष्ट्र के निर्माण की तरफ देख रहे हैं। वह जानते हैं कि परमाणु से सिर्फ बुरा ही हो सकता है। वह बेहद बुद्धिमान व्यक्ति है।”
अमेरिका के राष्ट्रपति अभी जापान की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर है और जापान के नवनिर्वाचित सम्राट से मुलाकात करने वाले पहले विदेशी नेता गए थे। जापान में सम्राट और साम्राज्ञी से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प जापानी पीएम शिंजो आबे के साथ द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होंगे। इस बैठक का मकसद जापानी और अमेरिकी आवाम के बीच ताल्लुक को अधिक गहरा करना है।