ईरान के पांच परमाणु कार्यक्रम पर महत्वपूर्ण प्रतिबंधों पर रियायत को अमेरिका दोबारा 90 दिनों के लिए बढ़ा देगा। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने बुधवार को कहा कि “मेरे ख्याल से विचार यह है कि हम उन परमाणु गतिविधियों को काफी करीबी से देख रहे हैं। इसलिए यह एक छोटे वक्त यानी 90 दिनों की रियायत दी जाएगी।”
प्रतिबंधो से रियायत
यह रियायत रूस, चीन और यूरोपीय राष्ट्रों को ईरान में स्थित सुविधाओं पर नागरिक परमाणु सहयोग को जारी रखने की अनुमति प्रदान करेगा, इसमें अमेरिका प्रतिबंधों का कोई भय नहीं होगा। अमेरिका की तरफ से यह प्रतिबंधों में दूसरी दफा रियायत है।
प्रतिबंधों से रियायत हासिल करने वाले केन्द्रों में बुशेहर परमाणु पॉवर प्लांट, फोर्ड़ो संवर्धन सुविधा और अराक परमाणु काम्प्लेक्स भी शामिल है। ट्रम्प प्रशासन के अधिकारी ने वांशिगटन पोस्ट को दिए इंटरव्यू में कहा कि “इन रियायतों को कभी भी रद्द किया जा सकता है लेकिन ट्रेज़री विभाग की जायज चिंताओं के कारण हमने अभी के लिए रियायत की समयसीमा को बढाने का निर्णय लिया है।”
मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा कि “मौजूदा हालातो के तहत और जब तक यूरोपीय देश जरुरी कदम नहीं उठाते, ईरान तीसरे चरण को लागू करेगा। यूरोपीय साझेदारो को ईरान को तेल बेचने और रेवेन्यू जमा करने की गारंटी देनी चाहिए।”
ईरान ने कहा कि “अगर यूरोपीय मुल्को ने अमेरिका के प्रतिबंधों से हमारी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए मार्ग नहीं ढूँढा तो वह परमाणु संधि की प्रतिबद्धता से पीछे हट सकता है और शायद इस संधि ने नाता तोड़ सकता है।”
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गत वर्ष साल 2015 की परमाणु संधि से वांशिगटन को बाहर निकाल लिया था और अमेरिका पर सभी प्रतिबंधों को वापस थोप दिया था। अमेरिका व्यापक स्तर के कड़े प्रतिबंधो से ईरान के संसाधनों को कम करने की कोशिश कर रहा है।