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    attack on tankers

    ईरान (Iran) ने शुक्रवार को अमेरिका (America) के आरोपों का खंडन किया कि होर्मुज के जलमार्ग पर टैंकरों पर हमले के लिए तेहरान जिम्मेदार है। बीबीसी के मुताबिक ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि “बिना किसी सबूत के अमेरिका ने इन आरोपों को मढ़ दिया है।”

    गुरूवार को दो तेल टैंकरों मार्शेल द्वीप के ध्वज वाले फ्रंट अल्टेयर और पनामा के ध्वज वाले कोकूका करेजियस पर ओमान की खाड़ी में हमला किया गया था। इससे क्षेत्र में तनाव काफी बढ़ गया था। एक माह पूर्व यूएई के तट पर चार तेल टैंकरों पर हमला किया गया था।

    हमले का आरोप ईरान पर लगाते हुए माइक पोम्पिओ ने कहा कि “13 जून को टैंकर पर हुए हमला ईरान या ईरानी समर्थी हमले की सूची में शुमार था। यह स्पष्ट तौर पर शान्ति, सुरक्षा और नौचालन की स्वतंत्रता के लिए खतरा है। अमेरिका अणि सेना, हित, साझेदारों और सहयोगियों की रखा करेगा हम सभी राष्ट्रों से इस रवैये के खिलाफ एकजुट होने का आवाहन करते हैं।”

    ईरान के समर्थन में रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई रयबकोव ने पत्रकारों से टैंकर पर हुए हमले के बाबत जल्दबाजी के निष्कर्ष के खिलाफ चेतावनी दी थी या ईरान पर इस हमला का आरोप लगाने के लिए आगाह किया था। किसी ऐसे पर इस हमला का आरोप थोप देना जो इससे कोसो दूर है। हम इस अवसर को  जल्दबाज़ी के निर्णय के खिलाफ इस्तेमाल करेंगे।”

    फ्रांस और ब्रिटेन जैसे अन्य देशों ने भी इस हमले की आलोचना की है। फ्रांस ने इस हमले को अशांति फ़ैलाने वाली वारदात करार दिया है। उन्होंने कहा कि “दो टैंकरों पर हुए हमला शान्ति फ़ैलाने वाला है और इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ेगा। हम इस हमले की दृढ़ता से आलोचना करते हैं।”

    ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि “अमेरिका की सरकार बीते दो वर्षों से सभी अंतरराष्ट्रीय ढांचों और नियमो का उल्लंघन कर रही है। अमेरिका अपनी अर्थव्यवस्था, वित्त और सैन्य संसाधनों का इस्तेमाल कर आक्रमक दृष्टिकोण अपना रहा है और वह मौजूदा समय में क्षेत्र और विश्व के लिए खतरा बना हुआ है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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