अमेरिका के ईरान से परमाणु संधि को तोड़ने के बाद तनातनी जारी है, हालांकि डोनाल्ड ट्रम्प के ईरान के साथ वार्ता जारी रखने के बयान से तल्खियाँ कम होने के आसार नज़र आ रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि ईरान के साथ समझौते के लिए अमेरिका के द्वार सदैव खुले हुए हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में ईरान के साथ साल 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था। इस संधि के तहत ईरान पर परमाणु हथियारों के निर्माण करने पर पाबंदी थी।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि ईरान एक पक्ष का चयन करे। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि ईरान या तो अपने रवैये का त्याग करेगा या आर्थिक आपदा के मार्ग पर अग्रसर होगा, चुनाव उसका होगा। उन्होंने कहा कि प्रतिबन्ध का असर बेक़सूर ईरानी जनता लम्बी तक अवधि नहीं सहन करेगी। उन्होंने कहा कि इसी कारण हम ईरान को खाद्य सामग्री, मेडिकल, स्वास्थ्य उपकरण और कृषि उत्पाद बेचते रहेंगे। यह सभी प्रतिबंधों से मुक्त है।
डोनाल्ड ट्रम्प का ईरान से संधि तोड़ने का मकसद ईरान और अन्य देशों अपनी ताकत का अंदाज़ा कराना था। अमेरिका के राष्ट्रपति ने ईरान के साथ संधि तोड़ उन्हें मनमानी करने की आजाद दे डाली है। डोनाल्ड ट्रम्प इस प्रतिबंधो को आगे बढाते हुए 5 नवम्बर से दूसरे चरण के प्रतिबन्ध ईरान पर लगा देंगे।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका के द्वार सदैव ईरान के साथ समझौते के लिए खुले है, जो ईरान के परमाणु हथियार का निर्माण न कर सके। अमेरिका के रस्ज्य सचिव ने मंगलवार को कहा था कि अमेरिका आठ राज्यों को ईरान से तेल सौदेबाजी करने में रियायत बरतेगा। सूत्रों के मुताबिक जापान, भारत और दक्षिण कोरिया को अमेरिका ने तेल खरीदने में रियायत बरती है।
ईरानी तेल का सबसे बड़ा खरीददार चीन अभी अमेरिका से इस सिलसिले पर बातचीत कर रहा है। इसके अलावा ताइवान और तुर्की को अमेरिका राहत दे सकता है, हालांकि इस सूची की पुष्टि अमेरिकी प्रशासन ने नहीं की है। अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने बताया कि यूरोपीय यूनियन को इस सूची में नहीं रखा गया है।
डोनाल्ड ट्रम्प के संधि तोड़ने के बाद ईयू ने परमाणु समझौते को बनाये रखने की हर संभव कोशिश की थी और व्यापार को जारी रखने के लिए कई मार्ग तलाशे थे, लेकिन ऐसा मुमकिन न हो सका।
यूरोपीय यूनियन के उच्चाधिकारी और फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने शुक्रवार को साझा बयान दिया था कि अमेरिका के दोबारा ईरान पर प्रतिबन्ध लागू करने का उन्हें बेहद अफ़सोस है। उन्होंने कहा कि वह ईरान से तेल और प्राकृतिक गैस की सौदेबाजी जारी रखेंगे।