कुलभूषण जाधव पिछले करीबन 2 सालों से पाकिस्तान की जेल में कैद हैं। पाकिस्तान लगातार यह दावा कर रहा है कि जाधव को बलूचिस्तान से पाकिस्तानी की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई नें गिरफ्तार किया था। इसके बावजूद, भारत और बलूचिस्तान के कई नेताओं का कहना है कि पाकिस्तान नें जाधव को ईरान से गिरफ्तार किया था।
दरअसल जाधव को गिरफ्त में रखकर पाकिस्तान विश्व को यह बताना चाहता है कि भारत उसके विरुद्ध साजिश रच रहा है। पिछले दो सालों से पाकिस्तान लगातार जाधव पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है और उससे जानकारी निकलवाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत नें कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई है, लेकिन अभी तक अंतराष्ट्रीय न्यायालय नें इसपर रोक लगायी हुई है। भारत नें जाधव को पाकिस्तान की गिरफ्त से छुड़ाने के लिए अंतराष्ट्रीय न्यायालय में गुहार लगायी है, जहाँ मामला अभी चल रहा है।
जाधव को लेकर कई पक्षों के कई मत हैं। पाकिस्तान उसे भारत का ख़ुफ़िया एजेंट बताता है जो गुप्त तरीके से पाकिस्तान के बलूचिस्तान में रह रहा था। इसी मामले में बलूचिस्तान के ही कई नेताओं नें कई बार यह कहा है कि पाकिस्तान नें जाधव को ईरान से अगवा करवाया है और इसके लिए पाकिस्तान की आईएसआई नें करोड़ों रूपए खर्च किये थे।
आइये जानने की कोशिश करते हैं कि कुलभूषण के मामले में विभिन्न पक्षों का क्या कहना है?
पाकिस्तान
पाकिस्तान की ओर से इस मामले में कहा गया है कि कुलभूषण जाधव सबसे पहले कराची के चाबहार बंदरगाह के जरिये पाकिस्तान में घुसा था। आगे कहा गया है कि जाधव नें हुसैन मुबारक पटेल नाम की फेक पहचान पाकर वीसा हासिल किया था। पाकिस्तान का कहना है कि जाधव की मदद से भारत बलूचिस्तान और कराची में एक मिशन शुरू करना चाहता था, जिससे पाकिस्तान की आन्तरिक संतुलन को बिगाड़ा जा सके।
पाकिस्तान नें कुलभूषण मामले को कई बार अंतराष्ट्रीय स्तर पर उठाया है। पाकिस्तान की लगातार कोशिश है कि वह पुरे विश्व के सामने भारत को नीचा दिखा सके। पिछले साल संयुक्त राष्ट्र की सालाना बैठक के दौरान भी पाकिस्तान नें जाधव का उल्लेख किया था।
हाल ही में पाकिस्तान नें जाधव की माँ और पत्नी को उनसे मिलाने की अनुमति दी थी। इस दौरान जाधव की माँ और पत्नी से पाकिस्तान में काफी बुरा व्यवहार किया गया, जिसे पुरे विश्व की मीडिया नें प्रकाशित किया था।
बलूचिस्तान नेता
बलूचिस्तान के नेता हयरब्यैर मर्री नें हाल ही में कहा था कि पाकिस्तान नें कुछ आतंकवादियों के जरिये कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा करवाया था। मर्री नें आगे कहा था कि पाकिस्तान की आईएसआई नें जाधव के अलावा कई बलूच नेताओं को अफगानिस्तान और आस-पास के इलाकों से अगवा करवाया था। इसके अलावा बलूच नेता नें यह भी कहा था कि आईएसआई बलूचिस्तान में आजादी की किसी भी आवाज को चुप करने के लिए कुछ भी कर सकती है।
इसके अलावा एक अन्य बलूच कार्यकर्ता मामा कादिर बलोच नें जाधव के बारे में खुलासा किया है कि जाधव को पाकिस्तान नें ईरान से उठाया है। कादिर बलूच नें बताया कि पाकिस्तान की आईएसआई नें जैश-उल-अदल के आंतकी मुल्ला उमर को जाधव को पकड़ने के लिए करोड़ों रूपए दिए थे। उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों नें जाधव को पकड़कर ईरान-बलूचिस्तान सीमा पर आईएसआई को सौंपा था।
भारत
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से लगातार यह कहा गया है कि जाधव भारतीय नौसेना के भूतपूर्व सैनिक थे, जो सेना से रिटायर हो चुके हैं। सरकार का मानना है कि वर्तमान में जाधव का भारत सरकार से कोई भी नाता नहीं है। भारतीय अधिकारियों नें कुलभूषण जाधव से मिलने की इच्छा जाहिर की थी, जिसे पाकिस्तान नें नहीं माना था। पाकिस्तान नें कहा था कि सुरक्षा जैसे मामलों में ऐसी इजाजत नहीं दी जाती है।
भारत नें जाधव को मौत की सजा से बचाने के लिए अंतराष्ट्रीय न्यायालय में याचिका दायर की है। इसके अलावा भारत लगातार कोशिश कर रहा है कि जाधव को सुरक्षित भारत लाया जा सके। भारत नें हाल ही में जाधव को उनकी माँ और पत्नी से मिलवाया था।